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डोरंडा में बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई, मुख्य सचिव से अदालत ने पूछे कई सवाल

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Published : Jan 17, 2020, 7:47 PM IST

झारखंड में महिलाओं पर हो रहे अपराध की घटना को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है. साल 2013 में डोरंडा में एक नाबालिग बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को तलब किया, जिमसें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल पूछे गए.

Hearing in Jharkhand High Court on rape of minor girl in Doranda
डोरंडा दुष्कर्म मामले पर सुनवाई

रांची: बच्चों के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. महिलाओं की सुरक्षा और नेशनल लॉ कॉलेज में हुए छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई. सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव भी उपस्थित रहे. इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

देखें पूरी खबर

राज्य की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट गंभीर है. राज्य में 2013 से ही बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अदालत चिंतित भी है. 2013 में डोरंडा में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान हाईकोर्ट लिया था. इसके बाद से लगातार हाईकोर्ट राज्य के आला अधिकारियों से इसे लेकर जवाब तलब करता रहा है. उसी संदर्भ में शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के मुख्य सचिव, कल्याण सचिव और नेशनल हाईवे के अधिकारियों को जवाब तलब किया गया.

इसे भी पढ़ें:- सरकार के अधिकारी पहुंचेंगे अब जनता के द्वार, ऑन द स्पॉट होगा समस्या का निवारण

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा कि निर्भया फंड कहां खर्च हो रहा है. वहीं कोर्ट ने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से पूछा कि सड़कों पर सीसीटीवी क्यों न लगाया जाए, ताकि बड़े शहरों की तरह यहां भी अपराधियों की पहचान हो सके. इस पूरे मामले पर मुख्य सचिव 28 फरवरी को अपना जवाब दाखिल करेंगे.

रांची: बच्चों के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. महिलाओं की सुरक्षा और नेशनल लॉ कॉलेज में हुए छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई. सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव भी उपस्थित रहे. इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

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राज्य की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट गंभीर है. राज्य में 2013 से ही बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अदालत चिंतित भी है. 2013 में डोरंडा में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान हाईकोर्ट लिया था. इसके बाद से लगातार हाईकोर्ट राज्य के आला अधिकारियों से इसे लेकर जवाब तलब करता रहा है. उसी संदर्भ में शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के मुख्य सचिव, कल्याण सचिव और नेशनल हाईवे के अधिकारियों को जवाब तलब किया गया.

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हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा कि निर्भया फंड कहां खर्च हो रहा है. वहीं कोर्ट ने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से पूछा कि सड़कों पर सीसीटीवी क्यों न लगाया जाए, ताकि बड़े शहरों की तरह यहां भी अपराधियों की पहचान हो सके. इस पूरे मामले पर मुख्य सचिव 28 फरवरी को अपना जवाब दाखिल करेंगे.

Intro:डोरंडा के बच्चे के साथ दुष्कर्म मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव अदालत में हुए उपस्थित

रांची
बाइट---राजीव कुमार अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट

बच्चे के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए सोता संज्ञान महिलाओं की सुरक्षा और नेशनल लॉ कॉलेज में हुए छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में समाज में मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव उपस्थित रहे मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी


Body:राज्य की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाई कोर्ट गंभीर है ।और 2013 से ही बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित भी ।दरअसल 2013 में डोरंडा में एक नाबालिग बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना पर स्वतःसंज्ञान हाईकोर्ट ने लिया था। इसके बाद से लगातार हाईकोर्ट राज्य के आला अधिकारियों से इसको लेकर जवाब तलब करता रहा है ।उसी संदर्भ में शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के मुख्य सचिव कल्याण सचिव और नेशनल हाईवे के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा कि निर्भया फंड कहां खर्च हो रहा है। वहीं कोर्ट ने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से पूछा की सड़कों पर सीसीटीवी क्यों न लगाया जाए ताकि बड़े शहरों की तरह यहां भी अपराधियों की पहचान हो सके ।इस पूरे मामले पर मुख्य सचिव 28 फरवरी को अपना जवाब दाखिल करेंगे


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