रांची: झारखंड में पंचायत सचिव नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर हाई कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) को पूरे मामले में नोटिस जारी कर पूछा है कि बताएं अदालत के आदेश बावजूद अब तक राज्य में पंचायत सचिव की नियुक्ति पर क्यों निर्णय नहीं लिया गया. उस निर्णय से कोर्ट को क्यों नहीं अवगत कराया गया. कोर्ट ने सरकार और कर्मचारी चयन आयोग से ये भी पूछा है कि आप पर अवमाननावाद (Contempt of Court) क्यों न चलाया जाए.
सरकार पर सख्त हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सोमवार को न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में पंचायत सचिव की नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रही इस सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील, सरकार के अधिवक्ता और कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता भी शामिल हुए. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
पंचायत सचिव की क्यों नहीं हुई नियुक्ति
कोर्ट ने पूरे मामले में सख्त रूख दिखाते हुए राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को फटकार लगाई है. कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत सचिव की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं की गई इसके बारे में जवाब देने का निर्देश दिया गया. कोर्ट ने राज्य सरकार और जेएसएससी से ये भी पूछा कि क्यों न अदालत इसे अवमानना समझे. हाई कोर्ट ने इस पर विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है. सरकार और आयोग के जवाब के बाद पर इस मामले में आगे की सुनवाई होगी.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि याचिकाकर्ता ने राज्य में पंचायत सचिव के पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें ये बताया गया था कि पंचायत सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, लेकिन नियुक्ति नहीं की गई. अदालत की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के उपरांत राज्य सरकार को नियुक्ति पर निर्णय लेने का आदेश दिया गया था और अपने आदेश से हाई कोर्ट को अवगत कराने को कहा था. अदालत के आदेश के बावजूद राज्य सरकार की तरफ से न तो नियुक्ति की गई और न ही कोई निर्णय लिया गया. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने फिर हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की. उसी याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है.