रांची: झारखंड के 13 अधिसूचित जिलों में वर्ग तीन और चार के पद संबंधित जिलों के निवासियों के लिए शत प्रतिशत आरक्षण मामले में राज्य सरकार की फैसले को लेकर आज झारखंड हाई कोर्ट के वृहद पीठ में सुनवाई होगी.
शिक्षक नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट के वृहद खंडपीठ में आज सुनवाई होनी है. हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में राज्य सरकार की ओर से 13 जिलों को आरक्षित करने और 11 को गैर आरक्षित करने के आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में 18 हजार शिक्षकों का नियुक्ति प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से की जा रही नियुक्ति प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय अब हाईकोर्ट में होगा.
रघुवर सरकार के समय का है मामला
बता दें कि रघुवर दास की सरकार ने अधिसूचित जिलों में सभी रिक्तियों को उसी जिले के लिए आरक्षित करने का फैसला किया था. उस दौरान ये भी निर्णय लिया था कि सभी पद अगले 10 साल के लिए संबंधित जिले के निवासी के लिए आरक्षित होगा. इसलिए झारखंड हाई कोर्ट में आज होने वाले लार्जर बेंच की सुनवाई काफी महत्वपूर्ण होगी. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी और अन्य ने शत प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें कहना है कि किसी भी जिले में वहां के लोगों को शत प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, यह संविधान की भावना के प्रतिकूल है.
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याचिकाकर्ता ने दी है दलील
याचिकाकर्ता ने यह दलील दिया था कि जहां तक पांचवीं अनुसूची के क्षेत्र की बात है, वहां किसी तरह का नीतिगत निर्णय राज्यपाल के स्तर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रपति के स्तर पर ही लिया जा सकता है. पूर्व में इस मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई हो चुकी है. अदालत ने सुनवाई के क्रम में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति पर रोक भी लगाई थी. हालांकि बाद में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने यह भी आदेश दिया था कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी.