रांचीः नामकुम के बरकागढ़ एस्टेट की निजी जमीन को सरकारी जमीन घोषित करने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से पूछा कि वे बताएं कि यह जमीन सरकारी कैसे है? राज्य सरकार का जवाब आने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में बरकागढ़ एस्टेट की निजी जमीन को सरकारी जमीन घोषित करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. जवाब में यह बताने को कहा है कि, यह जमीन कैसे सरकारी है? बताएं.
ये है मामला
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि बरकागढ़ एस्टेट की जमीन को नामकुम अंचलाधिकारी ने सरकारी जमीन घोषित कर दिया है. यह सरासर गलत है. यह जमीन निजी जमीन है. इसलिए इसे सरकारी संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है. बरकागढ़ एस्टेट के खेवटदार लाल प्रवीण नाथ शाहदेव ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है.