रांची: राज्य के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूलों में शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को जवाब पेश करने को कहा है. आयोग के जवाब देने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मंगलवार को राज्य के हाई स्कूल शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अपने-अपने आवास से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि वर्ष 2012 में नियम बना है कि नियुक्ति में जो पद रिक्त रह जाएंगे उसे आगे आने वाली नियुक्ति में जोड़ दिया जाएगा. इसलिए इस पद को भरा नहीं जा सकता है. यह सरकार का नीतिगत फैसला है. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई दुर्गा पूजा अवकाश के बाद होगी.
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याचिकाकर्ता मोहम्मद इजहार आलम ने वर्ष 2016 में हाई स्कूल के ग्रेजुएट टीचर नियुक्ति में 25% पद जो अनुभवी शिक्षक के लिए आरक्षित किया गया था. उस आरक्षित पद में जो रिक्त पद बचे हैं, उस पद पर उस विज्ञापन के सूची में जो नीचे बचे अभ्यर्थी हैं, उसकी नियुक्ति की मांग की है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को जवाब पेश करने को कहा है.