रांचीः दरोगा नियुक्ति के रिजल्ट में नॉर्मलाईजेशन पद्धति अपनाने को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को फिर से समय देते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में दारोगा नियुक्ति मामले में दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई. अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है. उन्हें 4 जनवरी से पूर्व अपना पक्ष रखने को कहा है.
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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से शपथपत्र
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोविड-19 के कारण मामले में जवाब पेश नहीं किया जा सका, इसलिए समय देने का आग्रह किया गया. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि पूर्व में आदेश के आलोक में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से शपथपत्र दायर किया जा चुका है.
बता दें कि कि दरोगा नियुक्ति प्रक्रिया में अपनाए गए नॉर्मलाइजेशन के आधार पर दरोगा नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा का जो रिजल्ट निकाला गया है उसे चुनौती दी है. साथ ही अपने को असफल घोषित करने के झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के फैसले को भी चुनौती दी है.