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दलबदल मामले में बाबूलाल की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, विधायक दीपिका सिंह की और से बहस पूरी

झारखंड हाई कोर्ट में बाबूलाल मरांडी की दलबदल मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई (Hearing in High Court on Babulal marandi). इस मामले में शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह की ओर से बहस पूरी हो गई. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.

Hearing in High Court on Babulal marandi petition in defection case
Hearing in High Court on Babulal marandi petition in defection case
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Published : Dec 14, 2022, 7:26 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दलबदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके खिलाफ दायर याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई हुई (Hearing in High Court on Babulal marandi). मामले में शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह की ओर से बहस पूरी हो गई. अब मामले में प्रार्थी बाबूलाल मरांडी की ओर से दीपिका की बहस का प्रत्युत्तर दिया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.

ये भी पढ़ें: बाबूलाल मरांडी की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत, कहा- माल बटोरने के लिए हेमंत सरकार ने रोका नगर निकाय चुनाव

पिछली सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाई कोर्ट के जजमेंट को पेश किया गया था. जिसके बाद कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाए तब तक झारखंड हाई कोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है. यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए. संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है. हाई कोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है. यह भी कहा गया था कि किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है.


याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि बिना गवाही कराये ही स्पीकर के न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है. स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है, जो अनुचित है. प्रार्थी की ओर वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह और अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने पैरवी की. वहीं दीपिका पांडे सिंह की ओर से अधिवक्ता सुमित गरोदिया ने पैरवी की.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दलबदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके खिलाफ दायर याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई हुई (Hearing in High Court on Babulal marandi). मामले में शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह की ओर से बहस पूरी हो गई. अब मामले में प्रार्थी बाबूलाल मरांडी की ओर से दीपिका की बहस का प्रत्युत्तर दिया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.

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पिछली सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाई कोर्ट के जजमेंट को पेश किया गया था. जिसके बाद कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाए तब तक झारखंड हाई कोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है. यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए. संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है. हाई कोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है. यह भी कहा गया था कि किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है.


याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि बिना गवाही कराये ही स्पीकर के न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है. स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है, जो अनुचित है. प्रार्थी की ओर वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह और अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने पैरवी की. वहीं दीपिका पांडे सिंह की ओर से अधिवक्ता सुमित गरोदिया ने पैरवी की.

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