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सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी झारखंड के भवन निर्माण मामले में सुनवाई, CS को पेश होने के आदेश - वित्त सचिव

सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी झारखंड, रांची के भवन निर्माण और अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव, वित्त सचिव और भवन निर्माण सचिव को हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी.

Hearing in Central Law University Jharkhand building construction case
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Feb 28, 2020, 9:18 PM IST

रांची: झारखंड के एकमात्र सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी में भवन निर्माण और अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई.

देखें पूरी खबर

सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के अधिकारी के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव, वित्त सचिव और भवन निर्माण सचिव को 6 मार्च को अदालत में हाजिर होकर जवाब पेश करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि अभी बजट सत्र चल रहा है. सभी सचिव और मुख्य सचिव उसमें व्यस्त हैं, इसलिए इसे अगली तारीख के लिए रखा जाए.

महाधिवक्ता के आग्रह को अदालत ने नहीं माना, अदालत ने सभी सचिव को 6 मार्च को हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान सेंट्रल यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जो मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए, भवन, लाइब्रेरी और अन्य तरह की जितनी भी सुविधाएं हैं, वह अभी तक नहीं मिल सकी हैं.

ये भी देखें- सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राष्ट्रपति, 11 विद्यार्थियों को दिया मेडल

उन्होंने कहा कि लॉ यूनिवर्सिटी में जो हादसा हुआ था. उसके बाद उसके सामने में सड़क पर जो स्ट्रीट लाइट लगाने को कहा गया था. उसके लिए भी विश्वविद्यालय को पैसे की लिस्ट भेज दी गयी थी. अदालत ने यह माना कि विश्वविद्यालय अपने फंड से नहीं चल सकती है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार इसके लिए फंड मुहैया कराए या यूनिवर्सिटी को बंद कर दें. अदालत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मामले में मुख्य सचिव को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: झारखंड के एकमात्र सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी में भवन निर्माण और अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई.

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सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के अधिकारी के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव, वित्त सचिव और भवन निर्माण सचिव को 6 मार्च को अदालत में हाजिर होकर जवाब पेश करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि अभी बजट सत्र चल रहा है. सभी सचिव और मुख्य सचिव उसमें व्यस्त हैं, इसलिए इसे अगली तारीख के लिए रखा जाए.

महाधिवक्ता के आग्रह को अदालत ने नहीं माना, अदालत ने सभी सचिव को 6 मार्च को हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान सेंट्रल यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जो मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए, भवन, लाइब्रेरी और अन्य तरह की जितनी भी सुविधाएं हैं, वह अभी तक नहीं मिल सकी हैं.

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उन्होंने कहा कि लॉ यूनिवर्सिटी में जो हादसा हुआ था. उसके बाद उसके सामने में सड़क पर जो स्ट्रीट लाइट लगाने को कहा गया था. उसके लिए भी विश्वविद्यालय को पैसे की लिस्ट भेज दी गयी थी. अदालत ने यह माना कि विश्वविद्यालय अपने फंड से नहीं चल सकती है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार इसके लिए फंड मुहैया कराए या यूनिवर्सिटी को बंद कर दें. अदालत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मामले में मुख्य सचिव को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है.

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