ETV Bharat / state

बैकफुट पर स्वास्थ्य सचिव, डॉक्टरों पर दिए बयान पर खेद प्रकट किया

author img

By

Published : Jan 15, 2021, 9:27 PM IST

Updated : Jan 15, 2021, 10:30 PM IST

डॉक्टर्स पर दिए गए अपने बयान को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी बैकफुट पर हैं. शुक्रवार को आईएमए और झासा के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले और पत्र जारी कर खेद प्रकट किया. इसके बाद डॉक्टर्स ने अपनी नाराजगी वापस ले ली है.

health secretary on backfoot regarding his statement in ranchi
स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी

रांची: प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी अपने बयान को लेकर बैकफुट आ गए हैं. उन्होंने डॉक्टर्स पर दिए अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. इसके बाद राज्य के चिकित्सकों ने अपनी नाराजगी वापस ले ली है.

आईएमए और झासा के प्रतिनिधिमंडल से मिले स्वास्थ्य सचिव

डॉक्टरों के आक्रोश को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने शुक्रवार को आईएमए और झासा के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले. मुलाकात के बाद स्वास्थ्य सचिव ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि 30 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में उनके बयान को लेकर जो भी विरोधाभास और भ्रांतियां डॉक्टरों के बीच पैदा हुआ है उसके लिए वह खेद प्रकट करते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी ओर से दिया गया बयान नवनियुक्त चिकित्सकों को अपने कर्तव्य के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए कहा गया था, उनका बयान कहीं से भी चिकित्सकों के मनोबल को गिराने के लिए नहीं कहा गया था. इसीलिए विवाद को समाप्त करने के लिए वह अपनी ओर से खेद प्रकट करते हैं. स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात और उनकी ओर से खेद प्रकट करने के बाद आईएमए और झासा की ओर से भी पत्र जारी करते हुए कहा गया अब राज्य के चिकित्सक भी जनहित को देखते हुए अपने पूर्व घोषित आंदोलन को वापस लेते हैं. साथ ही राज्य में शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण अभियान में अपनी पूर्ण सहभागिता निभाने का आश्वासन देते हैं.

इसे भी पढ़ें- सरकार से स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई की मांग, लामबंद हुए IMA झासा और चिकित्सक



क्या कहा था स्वास्थ्य सचिव ने

जिला के नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में 30 दिसंबर को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी यह बयान दिया था कि सरकारी नौकरी में लोग इसलिए आते हैं कि उन्हें काम ना करना पड़े और उन्हें दहेज मिल सके. जिसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झासा की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई थी. उनका कहना था कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सबसे उच्च पदाधिकारी इस तरह का बयान देकर डॉक्टरों की सेवा को नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं. इस बयान को लेकर झारखंड आईएमए के साथ-साथ राष्ट्रीय आईएमए ने भी आपत्ति जताई थी और पूरे मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का आग्रह किया था. साथ ही स्वास्थ्य सचिव के इस बयान को लेकर झारखंड आईएमए ने यह ऐलान कर दिया था कि अगर स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी 30 दिसंबर को डॉक्टरों पर दिए गए अपने बयान को लेकर पीछे नहीं हटते हैं तो हम चिकित्सक पूरे राज्य में कोरोना के टीकाकरण के कार्यक्रम को प्रभावित करेंगे.

रांची: प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी अपने बयान को लेकर बैकफुट आ गए हैं. उन्होंने डॉक्टर्स पर दिए अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. इसके बाद राज्य के चिकित्सकों ने अपनी नाराजगी वापस ले ली है.

आईएमए और झासा के प्रतिनिधिमंडल से मिले स्वास्थ्य सचिव

डॉक्टरों के आक्रोश को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने शुक्रवार को आईएमए और झासा के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले. मुलाकात के बाद स्वास्थ्य सचिव ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि 30 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में उनके बयान को लेकर जो भी विरोधाभास और भ्रांतियां डॉक्टरों के बीच पैदा हुआ है उसके लिए वह खेद प्रकट करते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी ओर से दिया गया बयान नवनियुक्त चिकित्सकों को अपने कर्तव्य के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए कहा गया था, उनका बयान कहीं से भी चिकित्सकों के मनोबल को गिराने के लिए नहीं कहा गया था. इसीलिए विवाद को समाप्त करने के लिए वह अपनी ओर से खेद प्रकट करते हैं. स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात और उनकी ओर से खेद प्रकट करने के बाद आईएमए और झासा की ओर से भी पत्र जारी करते हुए कहा गया अब राज्य के चिकित्सक भी जनहित को देखते हुए अपने पूर्व घोषित आंदोलन को वापस लेते हैं. साथ ही राज्य में शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण अभियान में अपनी पूर्ण सहभागिता निभाने का आश्वासन देते हैं.

इसे भी पढ़ें- सरकार से स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई की मांग, लामबंद हुए IMA झासा और चिकित्सक



क्या कहा था स्वास्थ्य सचिव ने

जिला के नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में 30 दिसंबर को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी यह बयान दिया था कि सरकारी नौकरी में लोग इसलिए आते हैं कि उन्हें काम ना करना पड़े और उन्हें दहेज मिल सके. जिसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झासा की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई थी. उनका कहना था कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सबसे उच्च पदाधिकारी इस तरह का बयान देकर डॉक्टरों की सेवा को नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं. इस बयान को लेकर झारखंड आईएमए के साथ-साथ राष्ट्रीय आईएमए ने भी आपत्ति जताई थी और पूरे मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का आग्रह किया था. साथ ही स्वास्थ्य सचिव के इस बयान को लेकर झारखंड आईएमए ने यह ऐलान कर दिया था कि अगर स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी 30 दिसंबर को डॉक्टरों पर दिए गए अपने बयान को लेकर पीछे नहीं हटते हैं तो हम चिकित्सक पूरे राज्य में कोरोना के टीकाकरण के कार्यक्रम को प्रभावित करेंगे.

Last Updated : Jan 15, 2021, 10:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.