रांची: राजधानी सहित झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग मरीजों को हॉस्पिटल और बेड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है. इसी के तहत सोमवार को स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स का निरीक्षण किया. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने बेड की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया है. उन्होंने 7 अप्रैल तक हॉस्पिटल में 100 नॉर्मल बेड, 107 ऑक्सीजन बेड और 45 वेंटिलेटर बेड बढ़ाने का निर्देश दिया है.
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झारखंड के सभी जिलों के डीसी के साथ समन्वय स्थापित करेंगे संयुक्त सचिव
रिम्स में कोरोना संक्रमितों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था के लिए संयुक्त सचिव सह अपर निदेशक बाघमारे प्रसाद कृष्ण को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. बाघमारे सभी जिलों के डीसी और रिम्स के ट्रॉमा एंड क्रिटिकल केयर के विभागाध्यक्ष डॉ पीके भट्टाचार्य के साथ मिलकर बेड की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लिया.
स्वास्थ्य सचिव ने 15 अप्रैल तक 148 नॉर्मल बेड, 131 ऑक्सिजन बेड और 60 वेंटिलेटर बेड अतिरिक्त बढ़ाने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने वेंटीलेशन बेड आदि बढ़ाने के लिए जरूरी उपकरण को भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया.
मरीजों को ज्यादा से ज्यादा होम आइसोलेशन में रखने का आदेश
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. एसिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों को ज्यादा से ज्यादा होम आइसोलेशन में रखा जाए और वहीं उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाए. जिन मरीजों की हालत थोड़ी गंभीर है, उन्हें इलाज के लिए जिलों के विभिन्न कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) या डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) में भर्ती कराया जाए, साथ ही जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण है या जो कोमोरबिड मरीज हैं, उन्हें क्रिटिकल केयर इंटरवेंशन की जरूरत है या ऑक्सीजन की जरूरत है. वैसे मरीजों को रिम्स में भर्ती किये जाने की बात कही.
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ट्रीटमेंट प्रोटोकोल में परिस्थितियों के अनुसार बदलाव के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला को रेमडेसिवीर एंटीवायरस दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया. उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी गाइडलाइन के साथ वैज्ञानिकों की स्टेट एक्सपर्ट कमिटी की ओर से जारी ट्रीटमेंट प्रोटोकोल में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बदलाव करने का निर्देश दिया है. उन्होंने इलाज कर रहे हर व्यक्ति को मरीजों तक हर संभव सहायता और चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए.