रांची: सेवा स्थायीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवा देने वाली अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकलकर्मी राजभवन के सामने आमरण अनशन पर हैं. अनुबंधकर्मियों का आमरण अनशन 24 जनवरी से जारी है. अनशन पर बैठीं कई नर्सों की तबीयत 26 जनवरी को अचानक बिगड़ गयी. आंदोलित नर्सों की तबीयत बिगड़ने की सूचना पर सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ राजेश कुमार जायसवाल आमरण अनशन स्थल पहुंचे.
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नर्सों से डॉक्टर की बकझक: आमरण स्थल पहुंचकर डॉक्टर ने अनशनकारियों की जांच की और आंदोलित नर्स बबीता कुमारी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टर आर के जायसवाल जब बीमार नर्सों को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस में ले जाने लगे तो अन्य नर्सों ने इसका विरोध किया और धरनास्थल पर ही इलाज करने के लिए कहने लगीं.
झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम संघ के आमरण अनशन में बैठने वाले अनशनकारी की सूची इस प्रकार है.
- धरनी कुमारी, एएनएम रांची
- सूर्यकान्ति कुमारी, एएनएम रांची
- ममता कुमारी, एएनएम रांची
- पूर्णिमा कुमारी, एएनएम रांची
- वीणा कुमारी, एएनएम रांची
- शिवरानी कुमारी, एएनएम देवघर
- अंजलीना खाखा, एएनएम रांची
- पूनम कुमारी, एएनएम रांची
- नंदनी कुमारी, एएनएम जामताड़ा
- ललिता कुमारी, जीएनएम जामताड़ा
- अनीता कुमारी, जीएनएम जामताड़ा
- बबिता कुमारी, एएनएम साहेबगंज
- टेरेसा मिंज, एएनएम बलूमाथ
- अरुणा टोप्पो, एएनएम बलूमाथ
- सुनीता कुमारी, एएनएम हजारीबाग
- बिनय कुमार सिंह, आईटी लातेहार
- सत्येंद्र कुमारी फर्मसिस्ट पलामू
- नवीन कुमार रंजन, लैब टेक्नीशियन,हजारीबाग
- सुशांत कुमारी दास, लैब टेक्नीशियन, धनबाद
- रंजीत सुरीन एक्स-रे टेक्नीशियन, सरायकेला-खरसावां
- प्रदीप कुमार, जीएनएम कोडरमा
इनकी बिगड़ी है तबीयत: गुरुवार जिन अनशनकारी की तबीयत बिगड़ी है, उसमें साहिबगंज की बबिता कुमारी हैं, जिनके सीने में दर्द और बीपी में उतार चढ़ाव के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं बीना कुमारी और नवीन कुमार की तबीयत भी खराब है, लेकिन वह अभी भी धरनास्थल पर ही अनशन कर रहे हैं.
23 जनवरी को अनशनकारियों ने किया था रक्तदान: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके नारे 'तुम मुझे खून तो मैं तुम्हें आजादी दूंगा' से प्रेरणा लेकर रांची और धनबाद में रक्तदान शिविर आयोजित कर आंदोलित नर्सों ने खून देकर अपने लिए सरकार से सेवा स्थायी करने की मांग की थी. झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम/एएनएम-जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वाधान में राज्य के समस्त पारामेडिकल कर्मी, एएनएम, जीएनएम नर्सें, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ऑप्थलमिक असिस्टेंट और फिजियोथेरेपिस्ट ने एक सूत्री मांग सेवा स्थायीकरण को लेकर 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. 17 जनवरी से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष धरना दिया था.
वहीं 24 जनवरी से 21 नर्सें-पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं. इस दौरान राज्य भर करीब 8500 नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर भी हैं. हड़ताल की वजह से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी है. रूटीन टीकाकरण भी नहीं हो रहा है, जिसका खामियाजा मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और जिला स्तरीय संस्थानों में देखा जा रहा है. टीकाकरण, प्रसव, लैब, फार्मेसी आदि कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधन सदर अस्पतालों में अन्य क्षेत्रों के कर्मियों और आउट सोर्सिंग से बहाल हुई नर्सों के भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है, जो सफल नहीं हो रहा है.