रांची: 1 जुलाई देश के सभी डॉक्टरों के लिए खास दिन होता है. यह दिन उन तमाम डॉक्टरों को समर्पित होता है, जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे इंसानों को नया जीवन देने का काम करते हैं. धरती पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है और उन्हें जीवन दाता भी कहा जाता है. डॉक्टरों की इमानदारी और समर्पण के प्रति सम्मान देने के लिए हर साल नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.
डॉक्टरों को दिया जाता है परमात्मा का दर्जा
डॉक्टर्स डे पर डॉक्टर को शुभकामनाएं देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि डॉक्टरों को परमात्मा का दर्जा दिया जाता है. क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपनी जिंदगी के कष्टप्रद समय में चिकित्सक से ही उम्मीद रखते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी डॉक्टरों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. अगर राज्य के डॉक्टर पर किसी भी तरह का हमला होता है तो उस हमले को सरकार पर हमला माना जाएगा.
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डॉक्टरों की भूमिका समाज में सबसे अहम
छात्र सुशांत कुमार का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में जिस प्रकार से डॉक्टर अपनी जान पर खेलकर राज्य के लोगों का इलाज कर रहे हैं. यह निश्चित ही काबिले तारीफ है. काफी तकलीफ सह कर भी डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. बरियातू निवासी रणधीर रजक का कहना है कि आज पूरा देश राज्य के डॉक्टरों के साथ है. इस संकट की घड़ी में डॉक्टरों की समाज में सबसे अहम भूमिका है. इसलिए हम सभी राज्यवासी चिकित्सकों को कोटि-कोटि नमन करते हैं.
लोग कर रहे हैं डॉक्टरों को स्वस्थ रहने की कामना
वहीं, बूटीमोड़ के रहने वाले गौरी शंकर और अभिषेक कुमार का कहना है कि वह डॉक्टर्स डे पर सभी डॉक्टरों को शुभकामनाएं देते हैं और भगवान से दुआ करते हैं कि राज्य के सभी डॉक्टर स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें, ताकि हमारा समाज भी स्वस्थ बना रहे. बता दें कि 1 जुलाई को डॉ बिधान चंद्र राय का जन्मदिन और पुण्यतिथि है जो देश के प्रख्यात चिकित्सक हुआ करते थे. वह बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.