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कोरोना का बढ़ता प्रकोपः परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार - परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए करना पड़ रहा है लंबा इंतजार

राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से व्यवस्था चरमराती जा रही है. इलाज के लिए तो लोगों को जद्दोजहद करना ही पड़ रहा है, मौत के बाद भी शव लेने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं, पर उन्हें श्मशान में भी जगह नहीं मिल पा रहा है.

growing infection of the corona, the situation is frightening in ranchi
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थिति भयावह
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Published : Apr 12, 2021, 9:36 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 10:46 PM IST

रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में बढ़ते संक्रमण की वजह से व्यवस्था चरमराती जा रही है. इलाज के लिए लोगों को जद्दोजहद करना ही पड़ रहा है. मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें श्मशान में भी जगह नहीं मिल पा रहा है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो हमने जाना कि शव जलाने के लिए जो व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई थी, वो पूरी तरह खराब हो चुकी है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- रांची: कांग्रेस ने की सभी के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग, सोशल मीडिया पर चलाया अभियान

श्मशान में भी नहीं मिल पा रही जगह
एकमात्र विद्युत शवदाह गृह जो 2 दिनों से खराब पड़ा हुआ है. इसको चालू करने के लिए गोरखपुर से आए टेक्नीशियन दिन रात काम कर रहे हैं. जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह व्यवस्था अभी तक नहीं दिखाई दे रही है और शवदाह गृह अभी तक ठीक नहीं हो पाया है. इसीलिए आनन-फानन में जिला प्रशासन की टीम ने घाघरा स्थित श्मशान घाट पर कोरोना से मरने वाले लोगों का लकड़ियों से अंतिम संस्कार करवा रही है.

परिजनों की मानें तो रिम्स हो या सदर अस्पताल दोनों जगह इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, साथ ही साथ मरने के बाद शव देने में भी इंतजार करना पड़ रहा है. इरबा की रहने वाली मृतक के परिजन बताती हैं कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनके मरीज की मौत हो गई. मरने के बाद बताया गया कि उन्हें कोरोना हो चुका. ऐसे में प्रोटोकॉल को पूरा करने के लिए हमें लंबा इंतजार करना पड़ेगा. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से तो कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है और ना ही जिला प्रशासन भी इस पर कोई संज्ञान लेता नजर आ रहा है.

जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था का किया इंतेजाम
अगर पूरी व्यवस्था की बात करें तो जिंदा मरीजों के इलाज के लिए मशक्कत तो करनी पड़ ही रही है. मरने के बाद भी अंतिम संस्कार परिजनों को करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. पूरे हालात पर अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. मृतकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम किया है. घाघरा स्थित श्मशान घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने का इंतेजाम किया गया है.

रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में बढ़ते संक्रमण की वजह से व्यवस्था चरमराती जा रही है. इलाज के लिए लोगों को जद्दोजहद करना ही पड़ रहा है. मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें श्मशान में भी जगह नहीं मिल पा रहा है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो हमने जाना कि शव जलाने के लिए जो व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई थी, वो पूरी तरह खराब हो चुकी है.

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श्मशान में भी नहीं मिल पा रही जगह
एकमात्र विद्युत शवदाह गृह जो 2 दिनों से खराब पड़ा हुआ है. इसको चालू करने के लिए गोरखपुर से आए टेक्नीशियन दिन रात काम कर रहे हैं. जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह व्यवस्था अभी तक नहीं दिखाई दे रही है और शवदाह गृह अभी तक ठीक नहीं हो पाया है. इसीलिए आनन-फानन में जिला प्रशासन की टीम ने घाघरा स्थित श्मशान घाट पर कोरोना से मरने वाले लोगों का लकड़ियों से अंतिम संस्कार करवा रही है.

परिजनों की मानें तो रिम्स हो या सदर अस्पताल दोनों जगह इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, साथ ही साथ मरने के बाद शव देने में भी इंतजार करना पड़ रहा है. इरबा की रहने वाली मृतक के परिजन बताती हैं कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनके मरीज की मौत हो गई. मरने के बाद बताया गया कि उन्हें कोरोना हो चुका. ऐसे में प्रोटोकॉल को पूरा करने के लिए हमें लंबा इंतजार करना पड़ेगा. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से तो कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है और ना ही जिला प्रशासन भी इस पर कोई संज्ञान लेता नजर आ रहा है.

जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था का किया इंतेजाम
अगर पूरी व्यवस्था की बात करें तो जिंदा मरीजों के इलाज के लिए मशक्कत तो करनी पड़ ही रही है. मरने के बाद भी अंतिम संस्कार परिजनों को करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. पूरे हालात पर अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. मृतकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम किया है. घाघरा स्थित श्मशान घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने का इंतेजाम किया गया है.

Last Updated : Apr 12, 2021, 10:46 PM IST
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