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झारखंड में ग्रीन कार्ड धारकों के थाली से चावल गायब, सरकार मुहैया कराने में फेल - रांची न्यूज

झारखंड में 15 नवंबर 2020 को बड़े ही तामझाम के साथ ग्रीन कार्ड योजना शुरू की गई थी. इस योजना के तहत ऐसे परिवारों को 1 रुपए में 5 किलो चावल देने की बात की गई. मगर हकीकत यह है पिछले कई महीनों से झारखंड के ऐसे 15 लाख कार्डधारियों को चावल नसीब नहीं हुआ (Green card scheme failed in Jharkhand)है.

Green card scheme failed in Jharkhand
ट्रक से चावल की बोरी उतारते मजदूर
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Published : Jan 4, 2023, 6:16 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 6:24 PM IST

अल्बर्ट बिलुंग, जिला आपूर्ति पदाधिकारी

रांचीः राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित लोगों को राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ग्रीन कार्ड योजना की शुरुआत हुई. लेकिन दूसरी योजनाओं की तरह इसकी हालत भी अब खस्ता हो गई है(Green card scheme failed in Jharkhand). लाभुक इस योजना के लाभ से वंचित हैं. अधिकारी अपना रोना रो रहे हैं.

नहीं मिल रहा चावालः खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि एफसीआई से चावल उपलब्ध नहीं होने की वजह से ग्रीन कार्डधारियों को चावल नहीं मिल पा रहा है. यह स्थिति पिछले अगस्त महीने से ही बनी हुई है, हालांकि कुछ जिलों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चावल ग्रीन कार्डधारियों को मुहैया कराई जा रही है. रांची जिले में लगभग 40 हजार ग्रीन कार्डधारियों की संख्या है. जिन्हें पिछले 3 महीने से चावल नसीब नहीं हुआ है.

जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग के अनुसार यह परिस्थिति एफसीआई द्वारा चावल उपलब्ध नहीं होने की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ओपन मार्केट में चावल की अनुपलब्धता होने की वजह से भी यह कठिनाई हो रही है, लेकिन विभाग के पास जो चावल बचे हुए हैं, उसे कुछ कुछ जगहों पर दिया जा रहा है. जिससे अन्य जिलों की अपेक्षा रांची की स्थिति थोड़ी सी ठीक है, मगर दो-तीन महीने से चावल देने में हम असफल हो रहे हैं. सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है जिला स्तर पर यह संभव नहीं है.


अगस्त से ही चरमरा गई है व्यवस्थाः ग्रीन कार्डधारकों को अगस्त 2022 से ही अनुदानित दर पर चावल मुहैया कराने में राज्य सरकार फेल साबित हो रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो अगस्त 2022 में महज 62.54 फीसदी कार्डधारियों को चावल मिला. इसी तरह सितंबर में 28.95%, अक्टूबर में 18.69%, नवंबर में 11.85% अनाज का वितरण हुआ. दिसंबर में तो कुछ भी नहीं मिला. यही स्थिति जनवरी में भी देखने को मिल रही है. गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 5 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड योजना से जोड़ा है, जिन्हें इस योजना का कोई लाभ मिलना नहीं शुरू हुआ है.


जानिए ग्रीन राशन कार्ड योजनाः इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर एवं गरीब परिवारों को कम दाम पर सूखा अनाज मिलेगा. योजना के अनुसार 1 रूपए की दर से ग्रीन कार्ड धारक को 5 किलो अनाज उपलब्ध करवाया जाएगा. बीपीएल कार्डधारक को इस योजना का लाभ मिलेगा. यह योजना केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई है, लेकिन इसपर पूर्णत: अमल राज्य सरकार करेगी.

अल्बर्ट बिलुंग, जिला आपूर्ति पदाधिकारी

रांचीः राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित लोगों को राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ग्रीन कार्ड योजना की शुरुआत हुई. लेकिन दूसरी योजनाओं की तरह इसकी हालत भी अब खस्ता हो गई है(Green card scheme failed in Jharkhand). लाभुक इस योजना के लाभ से वंचित हैं. अधिकारी अपना रोना रो रहे हैं.

नहीं मिल रहा चावालः खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि एफसीआई से चावल उपलब्ध नहीं होने की वजह से ग्रीन कार्डधारियों को चावल नहीं मिल पा रहा है. यह स्थिति पिछले अगस्त महीने से ही बनी हुई है, हालांकि कुछ जिलों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चावल ग्रीन कार्डधारियों को मुहैया कराई जा रही है. रांची जिले में लगभग 40 हजार ग्रीन कार्डधारियों की संख्या है. जिन्हें पिछले 3 महीने से चावल नसीब नहीं हुआ है.

जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग के अनुसार यह परिस्थिति एफसीआई द्वारा चावल उपलब्ध नहीं होने की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ओपन मार्केट में चावल की अनुपलब्धता होने की वजह से भी यह कठिनाई हो रही है, लेकिन विभाग के पास जो चावल बचे हुए हैं, उसे कुछ कुछ जगहों पर दिया जा रहा है. जिससे अन्य जिलों की अपेक्षा रांची की स्थिति थोड़ी सी ठीक है, मगर दो-तीन महीने से चावल देने में हम असफल हो रहे हैं. सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है जिला स्तर पर यह संभव नहीं है.


अगस्त से ही चरमरा गई है व्यवस्थाः ग्रीन कार्डधारकों को अगस्त 2022 से ही अनुदानित दर पर चावल मुहैया कराने में राज्य सरकार फेल साबित हो रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो अगस्त 2022 में महज 62.54 फीसदी कार्डधारियों को चावल मिला. इसी तरह सितंबर में 28.95%, अक्टूबर में 18.69%, नवंबर में 11.85% अनाज का वितरण हुआ. दिसंबर में तो कुछ भी नहीं मिला. यही स्थिति जनवरी में भी देखने को मिल रही है. गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 5 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड योजना से जोड़ा है, जिन्हें इस योजना का कोई लाभ मिलना नहीं शुरू हुआ है.


जानिए ग्रीन राशन कार्ड योजनाः इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर एवं गरीब परिवारों को कम दाम पर सूखा अनाज मिलेगा. योजना के अनुसार 1 रूपए की दर से ग्रीन कार्ड धारक को 5 किलो अनाज उपलब्ध करवाया जाएगा. बीपीएल कार्डधारक को इस योजना का लाभ मिलेगा. यह योजना केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई है, लेकिन इसपर पूर्णत: अमल राज्य सरकार करेगी.

Last Updated : Jan 4, 2023, 6:24 PM IST
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