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झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस: सदन की गरिमा पर राज्यपाल ने पढ़ाया नैतिकता का पाठ, जानिए झारखंड के राजनेताओं की प्रतिक्रिया

झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने समारोह में बैठे लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए नैतिकता का पाठ पढ़ाया (Governor Ramesh bais taught lesson of morality). राज्यपाल के इस अपील पर विधायकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

Governor Ramesh bais taught lesson of morality
Governor Ramesh bais taught lesson of morality
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Published : Nov 22, 2022, 4:16 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 4:54 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल ने सदन की गरिमा और सदस्यों के नैतिकता पर खुलकर विचार व्यक्त किए (Governor Ramesh bais taught lesson of morality ). राज्यपाल के संबोधन के बाद झारखंड के राजनेताओं ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

ये भी पढ़ें: Jharkhand assembly foundation day: राज्यपाल रमेश बैस ने विधायकों को दी सीख, सीएम ने गिनाए काम



झारखंड विधानसभा अपने स्थापना का 22वां वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर झारखंड विधानसभा परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेश बैस, स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित हुए. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने संबोधित करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन की मर्यादा और जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जिम्मेदारी को लेकर आईना दिखाने का काम किया. उन्होंने कहा कि दलगत भावना से उठकर जनप्रतिनिधि को कार्य करना चाहिए.

देखें वीडियो


राज्यपाल की नसीहत पर माननीयों ने दी प्रतिक्रिया: झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल द्वारा दी गई नसीहत पर राजनेताओं ने अलग-अलग राय व्यक्त की है. विधायक प्रदीप यादव ने विधानसभा की गरिमा बनाये रखने के लिए सभी को ईमानदारी से पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया. वहीं पूर्व स्पीकर और रांची के बीजेपी विधायक सीपी सिंह का मानना है कि सदन की गरिमा बनी रहे यह सभी बात कहते हैं, मगर हकीकत यह है कि जब इसे जमीन पर उतारने का समय आता है तो लोग उसे भूल जाते हैं और वहीं से गरिमा टूटने लगती है.

विधायक सरयू राय ने राज्यपाल की चिंता को सही बताते हुए कहा है कि हाल के दिनों में सदन की मर्यादा को लोग भुलने लगे हैं. इस वर्ष उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित हुए विनोद सिंह कहते हैं कि विधायिका की शक्ति को जनप्रतिनिधियों को पहचाननी होगी. जनता ने जिस भरोसे से हमें विधानसभा में भेजा है उसकी उम्मीदों पर खड़ा उतरना ही बड़ा सम्मान है.आज मुझे जो सम्मान मिला है वह बगोदर की जनता को सम्मान मिला है.

झामुमो विधायक मथुरा महतो कहते हैं कि सदन की कार्यवाही सही से चलने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों को ईमानदारी से पहल करनी होगी. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने भी सदन में सदस्यों के व्यवहार और कार्यशैली पर राज्यपाल के द्वारा जताई गई चिंता को सही बताते हुए कहा है कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष की अलग अलग भूमिका है. इसमें दोनों पक्षों के सदस्यों को सदन की गरिमा बनाते हुए निजी स्वार्थ से उठकर जनता की समस्या को सर्वप्रथम प्रमुखता से उठाना चाहिए.

रांची: झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल ने सदन की गरिमा और सदस्यों के नैतिकता पर खुलकर विचार व्यक्त किए (Governor Ramesh bais taught lesson of morality ). राज्यपाल के संबोधन के बाद झारखंड के राजनेताओं ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

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झारखंड विधानसभा अपने स्थापना का 22वां वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर झारखंड विधानसभा परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेश बैस, स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित हुए. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने संबोधित करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन की मर्यादा और जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जिम्मेदारी को लेकर आईना दिखाने का काम किया. उन्होंने कहा कि दलगत भावना से उठकर जनप्रतिनिधि को कार्य करना चाहिए.

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राज्यपाल की नसीहत पर माननीयों ने दी प्रतिक्रिया: झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल द्वारा दी गई नसीहत पर राजनेताओं ने अलग-अलग राय व्यक्त की है. विधायक प्रदीप यादव ने विधानसभा की गरिमा बनाये रखने के लिए सभी को ईमानदारी से पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया. वहीं पूर्व स्पीकर और रांची के बीजेपी विधायक सीपी सिंह का मानना है कि सदन की गरिमा बनी रहे यह सभी बात कहते हैं, मगर हकीकत यह है कि जब इसे जमीन पर उतारने का समय आता है तो लोग उसे भूल जाते हैं और वहीं से गरिमा टूटने लगती है.

विधायक सरयू राय ने राज्यपाल की चिंता को सही बताते हुए कहा है कि हाल के दिनों में सदन की मर्यादा को लोग भुलने लगे हैं. इस वर्ष उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित हुए विनोद सिंह कहते हैं कि विधायिका की शक्ति को जनप्रतिनिधियों को पहचाननी होगी. जनता ने जिस भरोसे से हमें विधानसभा में भेजा है उसकी उम्मीदों पर खड़ा उतरना ही बड़ा सम्मान है.आज मुझे जो सम्मान मिला है वह बगोदर की जनता को सम्मान मिला है.

झामुमो विधायक मथुरा महतो कहते हैं कि सदन की कार्यवाही सही से चलने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों को ईमानदारी से पहल करनी होगी. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने भी सदन में सदस्यों के व्यवहार और कार्यशैली पर राज्यपाल के द्वारा जताई गई चिंता को सही बताते हुए कहा है कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष की अलग अलग भूमिका है. इसमें दोनों पक्षों के सदस्यों को सदन की गरिमा बनाते हुए निजी स्वार्थ से उठकर जनता की समस्या को सर्वप्रथम प्रमुखता से उठाना चाहिए.

Last Updated : Nov 22, 2022, 4:54 PM IST
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