रांची: समाज से बाल विवाह, बाल श्रम, अशिक्षा का उन्मूलन बेहद जरूरी है. विश्व बाल दिवस के मौके पर यूनिसेफ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने बाल पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बाल विकास और कुपोषण को दूर करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों में कार्य करने के साथ साथ बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल एवं स्वच्छता सुविधा की दिशा में बहुत सक्रियता से काम करने की जरूरत है.
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राज्यपाल रमेश बैस ने बच्चों द्वारा बाल सम्मेलन के संचालन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सभी को जिम्मेदारी के साथ मिलकर कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि आज बच्चों पर पढ़ाई का अत्यधिक बोझ चिंता का विषय है. अभिभावक भी चिंतित रहते हैं लेकिन समझना चाहिए कि बच्चों का मस्तिष्क समय के साथ विकसित होता है. इसलिए बच्चों पर अधिक दबाव उचित नहीं है.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि सपने देखना चाहिए और लक्ष्य निर्धारित कर उस पथ पर अनवरत आगे बढ़ना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि पढ़ाई के साथ सामान्य ज्ञान भी जरूरी है. आज शिक्षा के लिए बहुत से साधन मौजूद हैं लेकिन उसका सदुपयोग करना चाहिए, न कि दुरुपयोग. उन्होंने कार्यक्रम में बाल पत्रकारों को विभिन्न मुद्दों पर खुल कर अपने विचार और मंतव्य प्रकट करने, मंच संचालन, सामाजिक कुरीतियों पर प्रस्तुत किये गए नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की
कार्यक्रम के दौरान बाल पत्रकारों ने राज्यपाल के समक्ष अपने भविष्य के संदर्भ में विचारों को प्रकट किया. इस अवसर पर यूनिसेफ की झारखंड प्रमुख डॉ० कनीनिका मित्र, राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक विजेता दिनेश कुमार समेत यूनिसेफ के सदस्यगण व बाल पत्रकारगण उपस्थित थे.