रांचीः 74वां गणतंत्र दिवस के अवसर पर एतिहासिक मोरहाबादी मैदान में राज्यपाल रमेश बैस ने ध्वजारोहण किया. इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह,डीजीपी नीरज सिन्हा, गृहसचिव राजीव अरुण एक्का सहित राज्य सरकार के कई पदाधिकारी मौजूद थे.
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राज्यपाल ने परेड का निरीक्षण कर लोगों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी. इस मौके पर कारगिल युद्ध में प्रयोग की गई बोफोर्स तोप को मोरहाबादी मैदान में सेना द्वारा प्रदर्शित की गई, जो आकर्षण का केंद्र बना रहा. राज्यपाल ने 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्कृष्ट कार्य करनेवाले सेना के अधिकारी, राज्य पुलिस के जवान और पदाधिकारियों को सम्मानित किया. सम्मान पाने वालों में मेजर एसपी शर्मा, डीएसपी अंकिता राय और छत्तीसगढ़ पुलिस के प्लाटून कमांडर बीरेंद्र यदु शामिल हैं.
सूचना एवं जनसंपर्क की झांकी को मिला प्रथम पुरस्कारः गणतंत्र दिवस के अवसर पर टाना भगत की टोली द्वारा झांकी प्रस्तुत कर गणतंत्र की रक्षा करने का संदेश दिया. इसके बाद राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से झांकी प्रस्तुत की गई. इन झांकियों के माध्यम से लोगों को सरकारी योजना की जानकारी दी गई. जिन विभागों द्वारा झांकी प्रस्तुत की गई, उसमें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, आयुष योगा केंद्र, आयुष निदेशालय, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जल जीवन पर आधारित झांकी, शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पढेगा झारखंड बढ़ेगा झारखंड थीम आधारित, पर्यटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजना से संबंधित झांकी शामिल था. इन झांकियों में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की झांकी को सर्वश्रेष्ट घोषित किया गया. वहीं दूसरे नंबर पर ग्रामीण विकास और तीसरे नंबर पर वन एवं पर्यावरण विभाग की झांकी रही.
तीन साल में हुए जन कल्याण के कार्यः राज्यवासियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन सालों में जन कल्याण के अनेकों कार्य पूरा किया है और कई नये कार्यक्रमों की शुरुआत भी की है. सरकार ने विशेषकर गरीबों, कमजोरों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रख कर विकास के लक्ष्य तय किये हैं. सरकार का प्रयास है कि इस कार्ययोजना के तहत आगामी कुछ वर्षों में प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जाए.
कृषि प्रधान है राज्यः राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कृषि अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार हैं. दुर्भाग्यवश इस वर्ष सामान्य से काफी कम वर्षा होने के कारण खरीफ मौसम में रोपाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया, जहां लगभग 30 लाख से अधिक कृषक परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है. सरकार ने मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत प्रभावित प्रत्येक परिवार को राहत देने के लिए 3500 रुपये अनुदान राशि उपलब्ध करा रही है.
मनरेगा में बेहतर कामः राज्यपाल ने कहा कि मनरेगा के तहत अब तक 4.5 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में 4 लाख योजनाओं को पूरा किया गया और 9.75 लाख योजनाओं पर कार्य चल रहा है. सुखाड़ को देखते हुए प्रत्येक गांव में पांच योजनाओं को क्रियान्वयन किया जा रहा है.