रांची: झारखंड सरकार पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार सृजन करने की योजना में आगे बढ़ रही है. बीते वर्ष कैबिनेट की हुई समीक्षा बैठक में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने की संभावनाओं के मद्देनजर 'पर्यटन नीति-2020' बनायी थी. इसी दिशा में अब सरकार अपना अगला कदम उठा रही है.
रोजगार के साथ राजस्व बढ़ाने की योजना
झारखंड सरकार राज्य में पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए 10 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी कर रही है. प्रदेश सरकार ने राज्य के सैकड़ों पर्यटन स्थल को चिंहित किया है. इन स्थानों पर पर्टयको की सुरक्षा, मनोरंजन और ठहरने आदि का इंतजाम किया जाएगा. झारखंड को देश-दुनिया के लिए टूरिज्म हब बनाने के लिए सरकार ने जो योजना 'पर्यटन नीति-2020' बनायी है उससे आने वाले समय में झारखंड की देश-दुनिया में अलग पहचान बनेगी. इसके साथ-साथ लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व भी मिलेगा.
धार्मिक स्थलों के साथ-साथ पुराने धरोहरों को भी संवारने की तैयारी
झारखंड धार्मिक और प्राकृतिक टूरिज्म के मामले में विश्व में अपनी पहचान बना चुका है. देवघर, पारसनाथ, इटखोरी और रांची अपने आप में अनूठे आध्यात्मिक स्थल हैं. अब राज्य सरकार पुराने धरोहर स्थलों को भी सहेजने की तैयारी में है, जो पर्यटन को बढ़ावा देगी. इसके अलावा खनन क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खनन कंपनियों के साथ मिलकर सुविधाएं शुरू की जाएंगी. इसके अतिरिक्त इको टूरिज्म, सांस्कृतिक टूरिज्म, शिल्प और व्यंजन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, वीकेंड गेटवे, फिल्म टूरिज्म, मनोरंजक पार्क, कल्याण पर्यटन की कार्ययोजना पर राज्य सरकार ने कार्य करना शुरू भी कर दिया है.
निवेशकों को भी आकर्षित करने की तैयारी
पर्यटन को लेकर हुई समीक्षा बैठक में सीएम हेमंत सोरेन कला, संस्कृति के क्षेत्र में भी कई उपाय सुझाये हैं. मुख्यमंत्री ने यह संभावना जताई है कि झारखंड बहुत जल्द ही देश-दुनिया के लिए टूरिज्म हब बनकर उभरेगा. इसके लिए सरकार नई नीति भी तैयार की है, जिसके तहत पर्यटन में निवेश करने वालों के राज्य सरकार सब्सिडी भी देगी.
निवेशकों को निवेश का 30 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देने की योजना तैयार की है. इसके अलावा अनुसूचित क्षेत्र में निवेशकों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त इंसेंटिव भी दिया जाएगा. नए टूरिज्म नीति के तहत इससे जुड़ी कई सेक्टरों में भी सरकार छूट देने की योजना तैयार की है. बिजली दरों में कटौती, निवेशकों को लोन इंटरेस्ट में सब्सिडी जैसी कई बिंदुओं पर सरकार छूट देने की तैयारी में है.
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पर्यटक ग्रामीण संस्कृति से होंगे रूबरू
राज्य सरकार ग्रामीण संस्कृति को विकसित करने के लिए योजना तैयार कर रही है. इसके तहत झारखंड की संस्कृति और ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन से जोड़ने के लिए गांव को नया रूप देकर विलेज टूरिज्म कमेटी का गठन किया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निजी उद्योगों को भी बढ़ावा देगी. नेतरहाट स्थित सिरसी ग्राम से होमस्टे स्कीम की शुरुआत की जाएगी, ताकि बाहर के पर्यटक झारखंड की संस्कृति को नजदीक से देखेने का मौका मिलेगा.
कई धार्मिक स्थलों के लिए फंड जारी
बीते साल हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के विभिन्न धार्मिक स्थलों की सुंदरीकरण के लिए विशेष फंड जारी किए थे. इसके तहत 39.13 करोड़ रुपए की लागत से देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम के प्रसाद स्कीम के तहत विकसित करने की योजना तैयार की है. वहीं स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत दलमा, चांडिल, गेतलसुद, बेतला, मिरचैया और नेतरहाट के लिए 52.72 करोड़ रुपए का बजट है.
रजरप्पा पर्यटक स्थल के लिए 20.91 करोड़ रुपए, लुगुबुरु (बोकारो) के लिए 11.99 करोड़, चांडिल पर्यटक स्थल के लिए 8.92 करोड़ रामगढ़-रांची एनएच-33 पर चुटूपालू में विजिटर्स गैलरी बनाया जाएगा. इसके अलावा दुमका में म्यूजियम और ओपेन एयर थिएटर का निर्माण 33.75 करोड़ की लागत से होगी. देवघर में फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट और पतरातू में टूरिस्ट गेस्ट हाउस बनाया जा रहा है.
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पर्यटन से जुड़ी अन्य योजनाएं
रांची के धुर्वा में ट्राइबल थीम पार्क, साहिबगंज, सरायकेला-खरसांवा और दुमका में हैंडीक्राफ्ट टूरिज्म सेंटर, राजमहल-साहिबगंज-पुनई चौक गंगा फेरी सर्किट, दुमका और रांची में रूरल टूरिज्म सेंटर, बासुकीनाथ, दुमका में वेसाइड एमिनिटीज, नेतरहाट के मैग्नोलिया सनसेट प्वाइंट में वैली ऑफ फ्लावर, मसानजोर में एडिशनल टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स और शिवगादी, साहिबगंज, मसानजोर और दुमका में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है.