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धान खरीद के लक्ष्य में सरकार फिसड्डीः 80 लाख के विपरित 75 लाख क्विंटल की ही कर पाई खरीद - किसानों से धान खरीद

झारखंड में धान खरीद के लक्ष्य में सरकार फिसड्डी साबित हुई. 80 लाख क्विंटल धान खरीद के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 15 अप्रैल तक किसानों के धान खरीद की गयी. लेकिन निर्धारित लक्ष्य 80 लाख क्विंटल में से 75 लाख 34 हजार 67 क्विंटल ही धान खरीदे गए. एक बार फिर से सरकार झारखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है.

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झारखंड में धान खरीद
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Published : Apr 16, 2022, 9:04 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 9:25 PM IST

रांचीः लाख कोशिशों के बाबजूद इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य सरकार नहीं पूरा कर पाई. राज्य में 15 दिसंबर 21 से निर्धारित दर पर धान खरीद की शुरुआत हुई थी जो 31 मार्च तक चला. इसके बाद सरकार ने 15 दिन और बढ़ाते हुए यानी 15 अप्रैल तक किसानों से धान खरीद करने का समय निर्धारित करते हुए लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया गया. लेकिन इस बार भी सरकार झारखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े, सरकार को बढ़ाना पड़ा समय

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 80 लाख क्विंटल में 75 लाख 34 हजार 67 क्विंटल ही धान 15 अप्रैल तक खरीदे गए. सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित 681 एमएसपी केंद्र बनाए थे, जहां निबंधित किसान सरकार के दिशानिर्देश अनुरूप धान बेचते थे. इस वर्ष राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया था. इस बार सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50% भुगतान करने का निर्णय लिया, इसके बाद शेष राशि 3 महीने के अंदर भुगतान करने की घोषणा की गयी. इसके बाबजूद धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप इस वर्ष नहीं हुआ.

जानकारी देते जिला आपूर्ति पदाधिकारी


धान खरीद की धीमी रफ्तार के पीछे इस वर्ष सरकार का निबंधित किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीद का निर्णय के अलावे नए किसानों को निबंधन में हो रही देरी मुख्य वजह बन रहा. इसके अलावा लाल कार्डधारी किसानों से सरकार ने अधिकतम 80 क्विंटल ही धान खरीदने का आदेश दिया था. इसके कारण किसान के पास धान रहते हुए भी लैंपस तक नहीं पहुंच पाए. किसानों को भेजे जा रहे मैसेज में भी तकनीकी खामी भी मुख्य वजह बनी रही. रांची में लक्ष्य के अनुपात में महज 60 प्रतिशत धान खरीद हुआ है.

जिला आपूर्ति पदाधिकारी अलबर्ट बिलुंग इन कारणों को सही बताते हुए कहते हैं कि पिछले वर्ष गड़बड़ी सामने आने के बाद किसान के रुप में दलालों के विरुद्ध की गई कार्रवाई का परिणाम है कि रांची में धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाया. हालांकि धान बेचने वाले किसानों की संख्या में जरूर बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि धान खरीद की समय सीमा अब नहीं बढ़ेगी. धान चावल मिलों तक भेजे जा रहे हैं और रांची जिला में किसानों को 80 फीसदी भुगतान हो चुका है.

जिलाधान खरीद (क्विंटल)जिलाधान खरीद (क्विंटल)जिलाधान खरीद (क्विंटल)
हजारीबाग1273584.76रामगढ़172250.45देवघर278054.11
जामताड़ा180807.55रांची290505.11धनबाद111427.35
खूंटी100481.61साहिबगंज78171.5दुमका150674.63
कोडरमा278632.9सरायकेला-खरसावां134886.42पूर्वी सिंहभूम916943.96
लातेहार98161.59सिमडेगा70974.09गढवा694839.49
लोहरदगा200000.47पश्चिमी सिंहभूम195022.97गिरिडीह765614.17
पाकुड़57687.98बोकारो194111.85गोड्डा148890.05
पलामू678273.47चतरा299031.2गुमला165039.81

रांचीः लाख कोशिशों के बाबजूद इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य सरकार नहीं पूरा कर पाई. राज्य में 15 दिसंबर 21 से निर्धारित दर पर धान खरीद की शुरुआत हुई थी जो 31 मार्च तक चला. इसके बाद सरकार ने 15 दिन और बढ़ाते हुए यानी 15 अप्रैल तक किसानों से धान खरीद करने का समय निर्धारित करते हुए लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया गया. लेकिन इस बार भी सरकार झारखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में अफसर धान खरीद लक्ष्य से फिर पिछड़े, सरकार को बढ़ाना पड़ा समय

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 80 लाख क्विंटल में 75 लाख 34 हजार 67 क्विंटल ही धान 15 अप्रैल तक खरीदे गए. सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित 681 एमएसपी केंद्र बनाए थे, जहां निबंधित किसान सरकार के दिशानिर्देश अनुरूप धान बेचते थे. इस वर्ष राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया था. इस बार सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50% भुगतान करने का निर्णय लिया, इसके बाद शेष राशि 3 महीने के अंदर भुगतान करने की घोषणा की गयी. इसके बाबजूद धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप इस वर्ष नहीं हुआ.

जानकारी देते जिला आपूर्ति पदाधिकारी


धान खरीद की धीमी रफ्तार के पीछे इस वर्ष सरकार का निबंधित किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीद का निर्णय के अलावे नए किसानों को निबंधन में हो रही देरी मुख्य वजह बन रहा. इसके अलावा लाल कार्डधारी किसानों से सरकार ने अधिकतम 80 क्विंटल ही धान खरीदने का आदेश दिया था. इसके कारण किसान के पास धान रहते हुए भी लैंपस तक नहीं पहुंच पाए. किसानों को भेजे जा रहे मैसेज में भी तकनीकी खामी भी मुख्य वजह बनी रही. रांची में लक्ष्य के अनुपात में महज 60 प्रतिशत धान खरीद हुआ है.

जिला आपूर्ति पदाधिकारी अलबर्ट बिलुंग इन कारणों को सही बताते हुए कहते हैं कि पिछले वर्ष गड़बड़ी सामने आने के बाद किसान के रुप में दलालों के विरुद्ध की गई कार्रवाई का परिणाम है कि रांची में धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाया. हालांकि धान बेचने वाले किसानों की संख्या में जरूर बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि धान खरीद की समय सीमा अब नहीं बढ़ेगी. धान चावल मिलों तक भेजे जा रहे हैं और रांची जिला में किसानों को 80 फीसदी भुगतान हो चुका है.

जिलाधान खरीद (क्विंटल)जिलाधान खरीद (क्विंटल)जिलाधान खरीद (क्विंटल)
हजारीबाग1273584.76रामगढ़172250.45देवघर278054.11
जामताड़ा180807.55रांची290505.11धनबाद111427.35
खूंटी100481.61साहिबगंज78171.5दुमका150674.63
कोडरमा278632.9सरायकेला-खरसावां134886.42पूर्वी सिंहभूम916943.96
लातेहार98161.59सिमडेगा70974.09गढवा694839.49
लोहरदगा200000.47पश्चिमी सिंहभूम195022.97गिरिडीह765614.17
पाकुड़57687.98बोकारो194111.85गोड्डा148890.05
पलामू678273.47चतरा299031.2गुमला165039.81
Last Updated : Apr 16, 2022, 9:25 PM IST
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