रांचीः इस धनतेरस में सोने की खरीदारी करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. शनिवार सुबह से देश के बड़े शहरों में सोना और चांदी में कारोबार शुरू हो गया. देश के ज्यादातर शहरों में सोना और चांदी के रेट में अंतर होता है. लेकिन पिछले दिनों के मुकाबले सोने के दाम में प्रति ग्राम 10 रुपये की गिरावट आई (gold and silver price on dhanteras in Jharkhand) है.
इस साल धनतेरस में सोना का भाव काफी कम हुआ (Gold and Silver Price Today) है. शनिवार को 22 कैरेट सोने का प्रति ग्राम कीमत 4 हजार 625 रुपया है. वहीं 10 ग्राम की कीमत 46 हजार 250 रुपया है. वहीं अगर किलो की बात की जाए तो इसमें पहले के मुकाबले करीब एक हजार रुपये की गिरावट आई है. सोने के भाव में इतनी बड़ी गिरावट पिछले एक महीने के दौरान देखने को मिली है.
वहीं अगर चांदी के रेट की बात की जाए तो फिलहाल इसके दाम शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को स्थिर नजर आ रहा है. पिछले दिनों के मुकाबले 22 अक्टूबर धनतेरस के मौके पर चांदी के दाम काफी कम हुए हैं. 1 ग्राम चांदी का दाम 56.15 रुपया है, वहीं 100 ग्राम चांदी की कीमत 5 हजार 615 रुपया है. अगर किलो की बात की जाए तो शनिवार को 1 किलोग्राम चांदी का दाम 56 हजार 150 रुपया है.
खरीदारी में दिखाएं समझदारीः Indian Standard Oraganization, ISO द्वारा सोने की शुद्धता पहचानने के लिए हॉलमार्क दिया जाता हैं. 24 कैरेट सोने के आभूषण पर 999, 23 कैरेट पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है. सोने के आभूषण ज्यादातर 22 गोल्ड कैरेट में ही बिकता है. वहीं कुछ लोग 18 कैरेट का इस्तेमाल भी करते हैं. जितना ज्यादा कैरेट होगा सोना उतना ही शुद्ध माना जाता है. इसलिए एक मान्यता प्राप्त जौहरी आपकी खरीदारी का गारंटी कार्ड प्रदान करता है.
22 और 24 कैरेट गोल्ड में अंतरः 24 कैरेट गोल्ड 99.9 प्रतिशत शुद्ध होता है और 22 कैरेट सोना लगभग 91 फीसदी शुद्ध होता है. 22 कैरेट गोल्ड में 9 फीसदी अन्य धातु जैसे तांबा, चांदी, जिंक मिलाकर गहने तैयार किए जाते हैं. वहीं 24 कैरेट सोना शुद्ध होता है लेकिन इससे आभूषण नहीं बनाए जा सकते. इसलिए ज्यादातक दुकानदार 22 कैरेट में ही सोना बेचा जाता है.
हॉमार्क का रखें ध्यानः सोना की खरीदारी के समय उसकी क्वालिट का ध्यान जरूर रखें. ग्राहक हॉलमार्क का निशा देखकर खरीदारी करें. हॉलमार्क सोने की सरकारी गारंटी है, ब्यूरो ऑफ इंडियन सटैंडर्ड (BIS) हॉलमार्क का निर्धारण करती है. हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत संचालन, नियम और रेग्यूलेशन का काम करती है. इसलिए बिना हॉलमार्क के गहना खरीदना आपको महंगा पड़ सकता है.