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Jharkhand High Court News: सरकारी कार्य में बाधा मामले में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को हाईकोर्ट से राहत बरकरार, एक हफ्ते बाद होगी विस्तृत सुनवाई

वर्ष 2009 में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. उक्त मामले में गोड्डा जिला कोर्ट ने सांसद के डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज कर दिया था. मामले में सांसद की ओर से हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी गई थी. जिसपर मंगलवार को आंशिक सुनवाई हुई. अदालत ने सांसद पर कार्रवाई पर रोक जारी रखी है.

Godda MP Gets Relief From High Court
Jharkhand High Court
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Published : Jan 31, 2023, 10:30 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश नवनीत कुमार अदालत में गोड्डा के सड़क जाम से संबंधित एक मामले में सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई. मामले में अदालत ने प्रार्थी गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ कार्रवाई पर रोक जारी रखी है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के बाद निर्धारित की है.

ये भी पढे़ं-हाई कोर्ट नें माना देवघर डीसी ने किया कानून का दुरुपयोग- निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम पर हुई एफआईआर रद्द

गोड्डा जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज की थी सांसद की याचिकाः प्रार्थी सांसद निशिकांत दुबे ने गोड्डा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा उनके डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज करने को हाइकोर्ट में चुनौती दी है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. इस दौरान अदालत ने दलीलों को विस्तार से सुना.

पोड़ैयाहाट थाने में सांसद के विरुद्ध दर्ज की गई थी प्राथमिकीः बताया जाता है कि गोड्डा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निकट सड़क जाम हुआ था. इस दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन को भी जाने नहीं दिया गया था. बाद में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के अनुरोध पर रात 11:45 बजे सड़क जाम हटाया गया था. गोड्डा की निचली अदालत ने इस मामले को लेकर 18 जून 2013 को संज्ञान लिया था. मामले को लेकर पोड़ैयाहाट थाने में कांड संख्या 162/ 2009 दर्ज की गई थी. निशिकांत दुबे पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है.

पूर्व में भी निशिकांत के मामले में हाई कोर्ट में हुई है सुनवाईः गौरतलब हो कि गोड़्डा लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे पर के खिलाफ हाई कोर्ट में इससे पहले भी कई याचिका दायर की गई थी. जिसमें एक याचिका में उनके एमबीए के सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया था. उक्त मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता को जवाब पेश करने के लिए कहा था. वहीं देवघर में जमीन विवाद मामले में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम का मामला भी हाई कोर्ट में आया था. जिसमें कोर्ट ने माना था कि देवघर डीसी ने कानून का दुरुपयोग करते हुए सांसद की पत्नी पर एफआईआर दर्ज करायी थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद एफआईआर रद्द कर दी थी.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश नवनीत कुमार अदालत में गोड्डा के सड़क जाम से संबंधित एक मामले में सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई. मामले में अदालत ने प्रार्थी गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ कार्रवाई पर रोक जारी रखी है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के बाद निर्धारित की है.

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गोड्डा जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज की थी सांसद की याचिकाः प्रार्थी सांसद निशिकांत दुबे ने गोड्डा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा उनके डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज करने को हाइकोर्ट में चुनौती दी है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. इस दौरान अदालत ने दलीलों को विस्तार से सुना.

पोड़ैयाहाट थाने में सांसद के विरुद्ध दर्ज की गई थी प्राथमिकीः बताया जाता है कि गोड्डा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निकट सड़क जाम हुआ था. इस दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन को भी जाने नहीं दिया गया था. बाद में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के अनुरोध पर रात 11:45 बजे सड़क जाम हटाया गया था. गोड्डा की निचली अदालत ने इस मामले को लेकर 18 जून 2013 को संज्ञान लिया था. मामले को लेकर पोड़ैयाहाट थाने में कांड संख्या 162/ 2009 दर्ज की गई थी. निशिकांत दुबे पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है.

पूर्व में भी निशिकांत के मामले में हाई कोर्ट में हुई है सुनवाईः गौरतलब हो कि गोड़्डा लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे पर के खिलाफ हाई कोर्ट में इससे पहले भी कई याचिका दायर की गई थी. जिसमें एक याचिका में उनके एमबीए के सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया था. उक्त मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता को जवाब पेश करने के लिए कहा था. वहीं देवघर में जमीन विवाद मामले में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम का मामला भी हाई कोर्ट में आया था. जिसमें कोर्ट ने माना था कि देवघर डीसी ने कानून का दुरुपयोग करते हुए सांसद की पत्नी पर एफआईआर दर्ज करायी थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद एफआईआर रद्द कर दी थी.

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