रांची: कांटा टोली चौक स्थित एचडीएफसी बैंक में शुक्रवार को तीन व्यक्ति जिनके नाम मुकुंद आइंद, प्रमोद इंदवार और अल्बर्ट एक्का है, 4.82 करोड़ का चेक लेकर पैसे की निकासी करने पहुंचे थे. पैसे निकालने आए व्यक्तियों के पास एचडीएफसी का एक चेक था जो झारखंड में काम करने वाले एक निजी संस्था के नाम से था. इतनी बड़ी रकम को देखकर बैंक वालों को तीनों पर शक हुआ जिसके बाद बैंक के अधिकारियों ने तीनों व्यक्तियों से कहा कि वे शुक्रवार की शाम तक का इंतजार करें, क्योंकि इतनी बड़ी रकम को दूसरे बैंकों से मंगवाना पड़ेगा. इसी बीच बैंक के अधिकारियों ने मामले की जानकारी लोअर बाजार पुलिस को भी दी. इसके साथ ही जिस कंपनी के द्वारा 4.82 करोड़ का चेक जारी किया गया था, उससे भी संपर्क किया. बैंक को है जानकारी मिली कि चेक को जिस व्यक्ति ने जारी किया है वह यूपी के एक बहुत बड़े कारोबारी है.
हैरान हुए यूपी के कारोबारी
बैंक के अधिकारियों ने जब यूपी के कारोबारी को पूरा मामला बताया तो वे हैरान रह गए. यूपी के कारोबारी जिनका नाम कृष्णा पांडे बताया जा रहा है, उन्होंने बताया कि जो चेक जारी हुआ है वह उनका चेक है ही नहीं. उस नंबर का चेक उन्होंने कभी किसी को दिया ही नहीं है.
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पुलिस ने जाल बिछा कर दो को पकड़ा, एक मौका देख कर हुआ फरार
जालसाजी की बात सामने आने के बाद लोअर बाजार पुलिस तुरंत सतर्क हो गई. सादे लिबास में पुलिस बैंक में जाकर तीनों जालसाजों का इंतजार करने लगी. इसी बीच दो जालसाज मुकुंद आइंद और अल्बर्ट एक्का बैंक से पैसा लेने पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने धर दबोचा. हालांकि एक और जालसाज जिसका नाम प्रमोद बताया जा रहा है. उसे बैंक में पुलिस के आने की भनक लग गई थी, इसलिए वह पहले ही फरार हो गया. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
डोनेशन के नाम पर जारी हुआ था चेक
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि यूपी के जिस कारोबारी का चेक भजाने के लिए जालसाज बैंक पहुंचे थे, वह एटलियर झारखंड नाम के संस्था के लिए जारी किया गया था. पूछताछ में दोनों गिरफ्तार जालसाजों ने बताया है कि यह चेक उन्हें प्रमोद इंदवार ने दिया था, यह कह कर कि एक कम्पनी ने संस्था के लिए 4.82 करोड़ का डोनेशन दिया है. पकड़े गए आरोपियों के अनुसार प्रमोद को इस पैसे के एवज में इसका 20% देने की बात हुई थी, चेक भी प्रमोद ने ही लाया था.
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बड़े रैकेट की संलिप्तता का अंदेशा
राजधानी रांची में पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं जिनमें क्लोन चेक बनाकर बैंकों से बड़ी रकम जालसाज निकाल ले गए. हालांकि इस बार जो चेक बरामद हुआ है वह क्लोन चेक नहीं है. पुलिस को अंदेशा है कि इसके पीछे एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है जो बड़े कारोबारियों की रेकी कर उनके जाली हस्ताक्षर नकली चेकों में कर पैसे की निकासी कर रहा है. फिलहाल पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है. वहीं, फरार प्रमोद की तलाश पुलिस जोर शोर से कर रही है ताकि उसके गिरफ्तारी के बाद चेक आखिर कैसे बना और कहां से लाया गया इसका खुलासा हो सके.
जांच जारी, जल्द होगा खुलासा
रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि समय रहते पुलिस और बैंक की सतर्कता की वजह से एक बड़े राशि की निकासी होने से बचा लिया गया. पकड़े गए जालसाजों से पूछताछ की जा रही है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.