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देवघर के चार साइबर अपराधियों को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, अदालत ने दिया बेल - देवघर के साइबर अपराधियों को हाई कोर्ट से राहत

देवघर के साइबर अपराधियों को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने उनके हिरासत की अवधि को देखते हुए और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. देवघर में साइबर अपराधियों ने बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ओटीपी लेकर अकाउंट से पैसा निकाल लिया करता था.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 3, 2020, 9:20 PM IST

रांची: बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर के साइबर अपराधियों को हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने उनके हिरासत की अवधि को देखते हुए और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत ने उन्हें दस-दस हजार के दो निजी मुचलके और मामले की सुनवाई में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी है.

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में देवघर के मुजफ्फर अंसारी और अन्य 3 आरोपी की जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अदालत से जमानत देने की आग्रह किया. अदालत ने उनकी हिरासत की अवधि को देखते हुए और अपराधिक इतिहास को देखने के बाद जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया, साथ ही उन्हें सुनवाई के दौरान सहयोग करने को कहा है.इसे भी पढ़ें:- युवतियों की शादी की उम्र 21 साल करने पर क्या होगा बदलाव, जानिए हाई कोर्ट की अधिवक्ता रितु कुमार से


देवघर में साइबर अपराधियों ने बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ओटीपी लेकर लोगों के अकाउंट से पैसा निकाल लिया करता था. उसी मामले में देवघर के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया था. उसी मामले में आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दी गई है.

रांची: बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर के साइबर अपराधियों को हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने उनके हिरासत की अवधि को देखते हुए और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत ने उन्हें दस-दस हजार के दो निजी मुचलके और मामले की सुनवाई में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी है.

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में देवघर के मुजफ्फर अंसारी और अन्य 3 आरोपी की जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अदालत से जमानत देने की आग्रह किया. अदालत ने उनकी हिरासत की अवधि को देखते हुए और अपराधिक इतिहास को देखने के बाद जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया, साथ ही उन्हें सुनवाई के दौरान सहयोग करने को कहा है.इसे भी पढ़ें:- युवतियों की शादी की उम्र 21 साल करने पर क्या होगा बदलाव, जानिए हाई कोर्ट की अधिवक्ता रितु कुमार से


देवघर में साइबर अपराधियों ने बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ओटीपी लेकर लोगों के अकाउंट से पैसा निकाल लिया करता था. उसी मामले में देवघर के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया था. उसी मामले में आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दी गई है.

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