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1 साल में एक कदम नहीं चला शिक्षा विभाग, पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है हेमंत सरकार: नीरा यादव

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Published : Jan 8, 2021, 9:25 PM IST

हेमंत सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है. इसे लेकर भाजपा विधायकों की ओर से लगातार हेमंत सरकार पर तंज कसे जा रहे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और विफलताओं को गिनवाया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताते हुए जमकर हमला बोला.

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पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव

रांची: पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग की विफलताओं को गिनाया और पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है.

पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव का बयान
हेमंत सरकार ने शिक्षा विभाग को पीछे धकेल दिया हेमंत सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है. इसे लेकर भाजपा विधायकों की ओर से लगातार हेमंत सरकार पर तंज कसे जा रहे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और विफलताओं को गिनवाया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग में किए गए कार्यों को जीरो मार्क्स देती है. हेमंत सरकार ने एक साल में शिक्षा विभाग को और पीछे धकेल दिया है. शिक्षा मंत्री के अस्वस्थ होने के बाद यह विभाग सीएम हेमंत सोरेन के पास है. इसके बावजूद इस विभाग ने एक साल में कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है.

ये भी पढ़ें-हनुमान मंदिर मामला: 'AAP-BJP की नाकामियों को जन-जन तक पहुंचाएगी दिल्ली कांग्रेस'

ऑनलाइन क्लास असफल

नीरा यादव ने कहा कि कोरोना काल के दौरान संचालित ऑनलाइन क्लासेस को भी सुचारू तरीके से नहीं चलाया गया है. मिड डे मील में घोटाला हो रहा है, लेकिन सीएम का इस ओर ध्यान ही नहीं है. नई शिक्षा नीति को लेकर वृहद रूप से चर्चा होनी थी, लेकिन इस सरकार ने नई शिक्षा नीति को बेकार बताते हुए इस पर कोई चर्चा नहीं करवाई और ना ही इसे लेकर कोई जागरूकता कार्यक्रम ही चलाया जा रहा है. अगर नई शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से धरातल पर सरकार उतारती तो यह शिक्षा नीति झारखंड के लिए बेहतर साबित होगी.


स्कूलों में नहीं है समुचित व्यवस्था

पूर्व शिक्षा मंत्री ने 10वीं और 12वीं के बच्चों को मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारियों का हवाला देते हुए स्कूलों में बुलाया जा रहा है, लेकिन इससे पूर्व स्कूलों में जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह व्यवस्था मुकम्मल नहीं है. ना ही साफ-सफाई हुई और ना ही सही तरीके से सेनेटाइजेशन किया गया. सरकार बच्चों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ कर रही है. सीएम से आग्रह है कि इस दिशा में कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में हर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित होती थी. मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया जाता था, लेकिन हेमंत सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट की बैठक भी सही तरीके से नहीं हो रही है. उल्टे हेमंत कैबिनेट के मंत्री उन्हें पत्र के माध्यम से परेशानियों को बता रहे हैं. यह दुर्भाग्य है.

ये भी पढ़ें-Edu: नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से की मुलाकात


नहीं मिला युवाओं को बेरोजगारी भत्ता

नीरा यादव ने कहा कि 5 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था, लेकिन बेरोजगारों को अब तक 5 रुपए भी सरकार ने नहीं दिया है. संविदा कर्मियों को झूठा आश्वासन दिया गया. पारा शिक्षकों को लगातार छला जा रहा है. शिक्षकों के मान सम्मान के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है. शिक्षा व्यवस्था को ही पूरी तरह हेमंत सरकार ने चौपट कर रखा है. ना ही स्कूलों में आयरन की गोली दी जा रही है और ना ही मध्याह्न भोजन से जुड़े संबंधित बच्चों तक राशन पहुंचाई जा रही है. 1 साल में एक भी स्कूल को अपग्रेड नहीं किया गया, जबकि पिछली सरकार ने स्कूलों को बेहतर तरीके से संचालित किया था. रघुवर सरकार ने 40 हजार शिक्षकों को बहाल किया था, लेकिन इस सरकार में शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है.


पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है हेमंत सरकार

उच्च शिक्षा को बेहतर करने के लिए कई महिला महाविद्यालय खोला गया है, लेकिन इन महाविद्यालयों में पद सृजन अब तक नहीं हुआ है. ऐसे में इस सरकार के भरोसे यह महाविद्यालय रहा तो यह भी बंद करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है और रघुवर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करवा रही है.

रांची: पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग की विफलताओं को गिनाया और पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है.

पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव का बयान
हेमंत सरकार ने शिक्षा विभाग को पीछे धकेल दिया हेमंत सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है. इसे लेकर भाजपा विधायकों की ओर से लगातार हेमंत सरकार पर तंज कसे जा रहे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और विफलताओं को गिनवाया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग में किए गए कार्यों को जीरो मार्क्स देती है. हेमंत सरकार ने एक साल में शिक्षा विभाग को और पीछे धकेल दिया है. शिक्षा मंत्री के अस्वस्थ होने के बाद यह विभाग सीएम हेमंत सोरेन के पास है. इसके बावजूद इस विभाग ने एक साल में कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है.

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ऑनलाइन क्लास असफल

नीरा यादव ने कहा कि कोरोना काल के दौरान संचालित ऑनलाइन क्लासेस को भी सुचारू तरीके से नहीं चलाया गया है. मिड डे मील में घोटाला हो रहा है, लेकिन सीएम का इस ओर ध्यान ही नहीं है. नई शिक्षा नीति को लेकर वृहद रूप से चर्चा होनी थी, लेकिन इस सरकार ने नई शिक्षा नीति को बेकार बताते हुए इस पर कोई चर्चा नहीं करवाई और ना ही इसे लेकर कोई जागरूकता कार्यक्रम ही चलाया जा रहा है. अगर नई शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से धरातल पर सरकार उतारती तो यह शिक्षा नीति झारखंड के लिए बेहतर साबित होगी.


स्कूलों में नहीं है समुचित व्यवस्था

पूर्व शिक्षा मंत्री ने 10वीं और 12वीं के बच्चों को मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारियों का हवाला देते हुए स्कूलों में बुलाया जा रहा है, लेकिन इससे पूर्व स्कूलों में जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह व्यवस्था मुकम्मल नहीं है. ना ही साफ-सफाई हुई और ना ही सही तरीके से सेनेटाइजेशन किया गया. सरकार बच्चों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ कर रही है. सीएम से आग्रह है कि इस दिशा में कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में हर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित होती थी. मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया जाता था, लेकिन हेमंत सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट की बैठक भी सही तरीके से नहीं हो रही है. उल्टे हेमंत कैबिनेट के मंत्री उन्हें पत्र के माध्यम से परेशानियों को बता रहे हैं. यह दुर्भाग्य है.

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नहीं मिला युवाओं को बेरोजगारी भत्ता

नीरा यादव ने कहा कि 5 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था, लेकिन बेरोजगारों को अब तक 5 रुपए भी सरकार ने नहीं दिया है. संविदा कर्मियों को झूठा आश्वासन दिया गया. पारा शिक्षकों को लगातार छला जा रहा है. शिक्षकों के मान सम्मान के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है. शिक्षा व्यवस्था को ही पूरी तरह हेमंत सरकार ने चौपट कर रखा है. ना ही स्कूलों में आयरन की गोली दी जा रही है और ना ही मध्याह्न भोजन से जुड़े संबंधित बच्चों तक राशन पहुंचाई जा रही है. 1 साल में एक भी स्कूल को अपग्रेड नहीं किया गया, जबकि पिछली सरकार ने स्कूलों को बेहतर तरीके से संचालित किया था. रघुवर सरकार ने 40 हजार शिक्षकों को बहाल किया था, लेकिन इस सरकार में शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है.


पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है हेमंत सरकार

उच्च शिक्षा को बेहतर करने के लिए कई महिला महाविद्यालय खोला गया है, लेकिन इन महाविद्यालयों में पद सृजन अब तक नहीं हुआ है. ऐसे में इस सरकार के भरोसे यह महाविद्यालय रहा तो यह भी बंद करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है और रघुवर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करवा रही है.

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