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क्या होता है 20 सूत्री, सत्तारूढ़ दलों के बीच सीट को लेकर क्यों हो रही है खींचतान

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Published : Jul 22, 2021, 5:49 PM IST

Updated : Jul 23, 2021, 8:23 AM IST

झारखंड में 20 सूत्री कमेटी गठन (Formation of 20 point committee in Jharkhand) को लेकर कवायद तेज है. सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी के बीच 20 सूत्री कमेटी को लेकर फार्मूला निकालने की कोशिश की जा रही है.

formation of 20-points committee in Jharkhand
झारखंड में 20 सूत्री कमेटी गठन पर राजनीति, सत्तारूढ़ दलों के बीच सीट को लेकर खींचतान

रांची: झारखंड में 20 सूत्री कमेटी गठन को लेकर सत्तारूढ़ दलों में ज्यादा से ज्यादा जगह पाने की मारामारी है. हर दल बस इसी कोशिश में लगा हुआ है. यही एक व्यवस्था है, जिसके जरिए सत्तारूढ़ दल बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को कमेटी में जगह देकर संतुष्ट करता है.

इसे भी पढ़ें- 20 सूत्री गठन पर कांग्रेस का दावा, 'अगस्त के पहले हफ्ते में होगा गठन'


20 सूत्री को लेकर सियासत तेज
सत्तारूढ़ दलों के बीच चल रहे सीटों के खींचतान के बीच राजनीति भी तेज है. बीजेपी ने सत्तारूढ़ दलों पर तंज कसते हुए कहा कि गठबंधन दलों के बीच समन्वय का अभाव है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा है कि इन्हें जनता के मुद्दे से नहीं, बल्कि कुर्सी कैसे मिले इसकी ज्यादा चिंता है.

20 सूत्री गठन पर माथापच्ची जारी

कांग्रेस-जेएमएम का पलटवार

बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस और जेएमएम (JMM) ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी खुद अपना चेहरा आइने में देखे. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि फार्मूला लगभग बन गया है और जल्द ही इसपर निर्णय हो जायेगा. वहीं, जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि सत्तारूढ़ दलों के अंदर समन्वय बन चुका है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान होगा.


कैसी रहेगी 20 सूत्री कमेटी

20 सूत्री कमेटी गठन को लेकर सत्तारूढ़ दलों के बीच फार्मूला तैयार हो चुका है. अंतिम मुहर जल्द ही लग जाएगी. जानकारी के मुताबिक राज्य स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक में 20 सूत्री और निगरानी कमेटी में 2600-2600 यानी 5200 कार्यकर्ताओं का मनोनयन होगा. प्रखंड और जिला स्तर पर बनने वाली कमेटी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 9 लोग होंगे. सत्तारूढ़ दल के अंदर अब तक बने फार्मूले के मुताबिक राज्य के 24 जिलों में से झामुमो को 13, कांग्रेस को 8 और आरजेडी को एक जिला दिया गया है. 2 जिलों की भागीदारी पर कांग्रेस-झामुमो के बीच जंग जीच जारी है. कांग्रेस के खाते में जो जिले आ रहे हैं उसमें पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ और लोहरदगा शामिल हैं. वहीं, आरजेडी के खाते में चतरा है. धनबाद और रांची को लेकर अभी तय होना बाकी है. खूंटी समेत बचे 13 जिले झामुमो के खाते में होने की संभावना है.

जानिए 20 सूत्री के क्या होते हैं 20 सूत्र
  • गरीबी उन्मूलन
  • खाद्य सुरक्षा, सबके लिए आवास
  • शुद्ध पेयजल, सबके लिए स्वास्थ्य
  • सबके लिए शिक्षा, किसान मित्र
  • जनशक्ति, श्रमिक कल्याण
  • महिला कल्याण, बाल कल्याण
  • अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण
  • युवा विकास, गांव सुधार
  • पर्यावरण संरक्षण और विकास
  • सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़क
  • ग्रामीण ऊर्जा, पिछड़ा क्षेत्र विकास
  • ई-शासन


1975 में शुरू हुई थी 20 सूत्री योजना
गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से 20 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में की थी. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से कई सरकारी कार्यक्रमों के संचालन के लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक कमेटी का गठन किया जाता रहा है. 20 सूत्री कमेटी का मुख्य उद्देश्य कई योजनाओं की समय पर समीक्षा, पिछडे़ और निर्धन लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना, केंद्र और राज्य सरकार के साथ जिला और प्रखंड स्तर पर योजनाओं को लेकर समन्वय बनाना है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में माओवादी 28 जुलाई से मनाएंगे शहीद सप्ताह, पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ाई चौकसी

20 सूत्री कमेटी सरकार की सबसे अंतिम इकाई है. इसका गठन गरीबों के लिए बनाई गई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए होता है. इसके जरिए मनरेगा, पीएम आवास, कृषि, अंत्योदय, बीपीएल समेत गरीबों की योजना में आनेवाली किसी तरह की परेशानी दूर किया जाता है. राज्य सरकार ने प्रो.स्टीफन मरांडी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. इसके बाद प्रदेश से लेकर प्रखंड तक में कमेटी गठन की कवायद चल रही है. सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त के पहले सप्ताह तक राज्य में 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठित हो जाएगी.

क्या होता है 20 सूत्री, सत्तारूढ़ दलों के बीच सीट को लेकर क्यों हो रही है खींचतान

रांची: झारखंड में 20 सूत्री कमेटी गठन को लेकर सत्तारूढ़ दलों में ज्यादा से ज्यादा जगह पाने की मारामारी है. हर दल बस इसी कोशिश में लगा हुआ है. यही एक व्यवस्था है, जिसके जरिए सत्तारूढ़ दल बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को कमेटी में जगह देकर संतुष्ट करता है.

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20 सूत्री को लेकर सियासत तेज
सत्तारूढ़ दलों के बीच चल रहे सीटों के खींचतान के बीच राजनीति भी तेज है. बीजेपी ने सत्तारूढ़ दलों पर तंज कसते हुए कहा कि गठबंधन दलों के बीच समन्वय का अभाव है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा है कि इन्हें जनता के मुद्दे से नहीं, बल्कि कुर्सी कैसे मिले इसकी ज्यादा चिंता है.

20 सूत्री गठन पर माथापच्ची जारी

कांग्रेस-जेएमएम का पलटवार

बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस और जेएमएम (JMM) ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी खुद अपना चेहरा आइने में देखे. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि फार्मूला लगभग बन गया है और जल्द ही इसपर निर्णय हो जायेगा. वहीं, जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि सत्तारूढ़ दलों के अंदर समन्वय बन चुका है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान होगा.


कैसी रहेगी 20 सूत्री कमेटी

20 सूत्री कमेटी गठन को लेकर सत्तारूढ़ दलों के बीच फार्मूला तैयार हो चुका है. अंतिम मुहर जल्द ही लग जाएगी. जानकारी के मुताबिक राज्य स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक में 20 सूत्री और निगरानी कमेटी में 2600-2600 यानी 5200 कार्यकर्ताओं का मनोनयन होगा. प्रखंड और जिला स्तर पर बनने वाली कमेटी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 9 लोग होंगे. सत्तारूढ़ दल के अंदर अब तक बने फार्मूले के मुताबिक राज्य के 24 जिलों में से झामुमो को 13, कांग्रेस को 8 और आरजेडी को एक जिला दिया गया है. 2 जिलों की भागीदारी पर कांग्रेस-झामुमो के बीच जंग जीच जारी है. कांग्रेस के खाते में जो जिले आ रहे हैं उसमें पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ और लोहरदगा शामिल हैं. वहीं, आरजेडी के खाते में चतरा है. धनबाद और रांची को लेकर अभी तय होना बाकी है. खूंटी समेत बचे 13 जिले झामुमो के खाते में होने की संभावना है.

जानिए 20 सूत्री के क्या होते हैं 20 सूत्र
  • गरीबी उन्मूलन
  • खाद्य सुरक्षा, सबके लिए आवास
  • शुद्ध पेयजल, सबके लिए स्वास्थ्य
  • सबके लिए शिक्षा, किसान मित्र
  • जनशक्ति, श्रमिक कल्याण
  • महिला कल्याण, बाल कल्याण
  • अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण
  • युवा विकास, गांव सुधार
  • पर्यावरण संरक्षण और विकास
  • सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़क
  • ग्रामीण ऊर्जा, पिछड़ा क्षेत्र विकास
  • ई-शासन


1975 में शुरू हुई थी 20 सूत्री योजना
गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से 20 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में की थी. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से कई सरकारी कार्यक्रमों के संचालन के लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक कमेटी का गठन किया जाता रहा है. 20 सूत्री कमेटी का मुख्य उद्देश्य कई योजनाओं की समय पर समीक्षा, पिछडे़ और निर्धन लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना, केंद्र और राज्य सरकार के साथ जिला और प्रखंड स्तर पर योजनाओं को लेकर समन्वय बनाना है.

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20 सूत्री कमेटी सरकार की सबसे अंतिम इकाई है. इसका गठन गरीबों के लिए बनाई गई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए होता है. इसके जरिए मनरेगा, पीएम आवास, कृषि, अंत्योदय, बीपीएल समेत गरीबों की योजना में आनेवाली किसी तरह की परेशानी दूर किया जाता है. राज्य सरकार ने प्रो.स्टीफन मरांडी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. इसके बाद प्रदेश से लेकर प्रखंड तक में कमेटी गठन की कवायद चल रही है. सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त के पहले सप्ताह तक राज्य में 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठित हो जाएगी.

Last Updated : Jul 23, 2021, 8:23 AM IST
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