रांचीः त्योहार का सीजन आ गया है. खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ गई है.ऐसे में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीना ने लोगों को जागरूक रहने की सलाह दी है ताकि वे मिलावटी खाद्य पदार्थ की खरीदारी से बच सकें. इसके अलावा उन्होंने मिलावटी सामान की पहचान के भी नुस्खे बताए हैं, जिसको जानकर आप अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालने से बच सकते हैं.
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यह जरूर करें
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीना ने लोगों को सलाह दी है कि सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि यदि कोई मिठाई या खाद्य पदार्थ बाजार के भाव से कम दाम में मिल रहा है तो अलर्ट हो जाइए, इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर शक जरूर करें. उन्होंने लोगों को मिलावटी मिठाई की पहचान करने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि मिठाई कब बनी है इस सवाल को दुकानदार से अवश्य पूछें. मिठाई का कब तक उपयोग किया जा सकता है, मिठाई में जो सामग्री उपयोग में लाई गई है उसे बताने के लिए दुकानदार कानून के तहत बाध्य हैं. दूसरे खाद्य पदार्थ की खरीदारी करते वक्त ही मैनुफैक्चरिंग डेट आदि जरूर देखें.
यहां कराएं जांच
इसके अलावा मिठाई में बदबू न हो, स्वाद में खट्टापन, बासीपन मिले तो तुरंत ही फूड सेफ्टी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार मिठाई को ग्राहक लैबोरेट्री में लाकर जांच करा सकते हैं.
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि ज्यादा रंग वाली मिठाइयों का भी सेवन न करें क्योंकि किसी भी तरह का रंग शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है. इसके अलावा जिलों में भी दुकानदार की शिकायत की जा सकती है और स्वास्थ्य के मामले में तुरंत कार्रवाई भी होगी.
यह भी कर सकते हैं
चतुर्भुज मीना ने कहा कि मिठाई में मिलावट कर लोगों के बीच बेचने वाले दुकानदारों पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खाद्य प्रयोगशाला में जांच की व्यवस्था की गई है जिसमें लोग कभी भी आकर फीस जमा कर उस खाद्य पदार्थ की जांच करा सकते हैं.
ऐसे लगाएं मिलावट का पता
राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीना ने बताया कि मावा और पनीर आदि में मैदा या आरारोट मिलाया गया है या दूध में स्टार्स मिलाकर उसे गाढ़ा किया गया है तो टिंचर आयोडीन नाम की दवा मिला दें तो रंग काला पड़ जाएगा. दूध का बना है तो डार्क नहीं होगा. इससे पहचान हो सकती है. अगर मावा रब करें और चिकनाई न हो तो समझा जा सकता है कि मावे का घी निकाला हुआ है यह भी मिलावट की ही श्रेणी में आता है.