रांचीः वर्ष 2022 की विदाई और नूतन वर्ष 2023 के स्वागत की बेला नजदीक आती जा रही है. ऐसे में लोग नए साल के जश्न की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन वर्ष 2022 की बातें नहीं भूल पाएं हैं. वर्ष 2022 में झारखंड में कई चहरे अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में (Jharkhand Famous faces Who Remain In controversy)रहें. आज भी लोगों के जहन में वो सारी बातें हैं. तो आइए नजर डालें झारखंड के उन चर्चित चेहरों पर जो वर्ष 2022 में न सिर्फ सुर्खियां बटोरीं, बल्कि चर्चा के केंद्रबिंदु में भी बने रहें.
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राज्यपाल अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहेंः राज्यपाल के रूप में रमेश बैस अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में बने रहें तो राज्य के सत्ताधारी दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के निशाने पर भी बने रहें. विधानसभा से पारित विधेयकों को बैरंग लौटाने से लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग से आये लिफाफे को लेकर उनका वह बयान ज्यादा चर्चा (Flashback 2022)में रहा. जिसमें उन्होंने कहा था कि लिफाफा ज्यादा चिपका हुआ है,खुल ही नहीं रहा...तो छतीसगढ़ में एक मीडिया को दिए बयान में जब उन्होंने कहा कि दिवाली का समय है, एकाध पटाखा तो झारखंड में फूटेगा तो वह सत्ताधारी दलों के विरोध के केंद्र में आ गए.
राज्यसभा सदस्य बनकर महुआ माजी,आदित्य साहू भी रहें सुर्खियों मेंः वर्ष 2022 में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में पहले कांग्रेस की एक सीट पर दावेदारी और उसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने झारखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और साहित्यकार महुआ माजी को उम्मीदवार बना दिया तो भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश महामंत्री को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया. दोनों चुनाव जीत कर राज्यसभा सदस्य बनें और सुर्खियों में रहे.
सरकार चलाने और बचाने में सीएम को करनी पड़ी मशक्कतः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस वर्ष सरकार चलाने से लेकर उसे बचाने तक के लिए डैम से लेकर रायपुर तक की यूपीए विधायकों के साथ सैर को लेकर सुर्खियों में रहे. खनन लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग की सुनवाई पूरी होने के बाद राज्यपाल को अनुशंसा भेजने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा हेमंत सोरेन सरकार की अस्थिरता और सरकार के अस्तित्व पर ही खतरा के लग रहे कयासों के बीच हेमंत सोरेन ने यूपीए के सभी विधायकों को एकजुट करने के लिए कभी खूंटी के लतरातू डैम का सैर कराया तो कभी छतीसगढ़ के रायपुर में रखकर सत्ता सुरक्षित रखी. खनन मामले में अपने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ईडी पूछताछ में फंसने और जांच की आंच अपने बेहद खास तथा मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू तक आने के बाद हेमंत सोरेन ने एक बार फिर मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए विधानसभा का विशेष एक दिनी सत्र बुलाकर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी को 27% आरक्षण विधेयक पारित कर भाजपा को मुद्दा विहीन कर दिया.
राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में झारखंड भी रहा चर्चा मेंः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब द्रौपदी मुर्मू का नाम देश के नए राष्ट्रपति के लिए आगे किया तो विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा ने मोर्चा संभाला. 2022 का राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा भले ही कई वजहों से राष्ट्रीय स्तर पर हुई हो, लेकिन झारखंड के संदर्भ में यह चुनाव इसलिए खास रहा कि द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल थीं तो यशवंत सिन्हा का राजनीतिक जीवन रांची, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव झारखंड के संदर्भ में इसलिए भी खास रहा क्योंकि इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को झारखंड से उम्मीद से अधिक वोट मिले, यानि क्रॉस वोटिंग भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हुई.
निलंबित महिला आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल भी रहीं चर्चा मेंः अपने समय में (बैच 2000) कभी सबसे कम उम्र में आईएएस की प्रतिष्ठित परीक्षा क्रेक कर सुर्खियां बटोरने वाली पूजा सिंघल मनरेगा घोटाला में शामिल होने की संदेह, ईडी जांच, उनके सीए के यहां से बड़ी रकम की बरामदगी के साथ साथ गिरफ्तारी, बेल के लिए गलत ईसीजी रिपोर्ट देने सहित कई कारनामे इस वर्ष चर्चा के केंद्र में बने रहें.
विधायिकी जाने से सुर्खियों में रहे कांग्रेस के दो विधायकः इस वर्ष कांग्रेस के दो विधायक पहला मांडर विधायक बंधु तिर्की और दूसरा रामगढ़ विधायक ममता देवी की सदस्यता चली गई. आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार देने के बाद झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की सदस्यता चली गई तो यहां हुए उपचुनाव में उनकी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने बड़ी जीत दर्ज कर सुर्खियां बटोरी. साल का अंत आते आते गोला गोलीकांड में रामगढ़ की कांग्रेस विधायक ममता देवी को दोषी करार देकर सजा सुना दी गई तो उनकी सदस्यता भी चली गई. इस सीट पर अब उपचुनाव छह महीने के अंदर होना है.
कांग्रेस के ये चार विधायक भी खूब रहे सुर्खियों मेंः झारखंड में भाजपा द्वारा हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने की झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों के बीच पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पुलिस ने जब कांग्रेस के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगारी को गिरफ्तार किया तो अचानक ये तीनों विधायक राज्य तो क्या राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के केंद्र में आ गए. इस मामले में बेरमो से कांग्रेस विधायक भी खूब सुर्खियों में रहे. जब उन्होंने अरगोड़ा थाने में इस आरोप के साथ जीरो एफआईआर दर्ज करा दिया कि कोलकाता में पकड़े गए तीनों विधायक सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे और उन्हें भी 10 करोड़ का ऑफर मिला था.
अनूप सिंह के यहां आईटी रेड की होती रही चर्चाः व्यवसायी अमित अग्रवाल से पीआईएल से नाम हटाने के बदले बड़ी राशि की मांग का उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार का ऑडियो वायरल होने और उसके बाद उनकी गिरफ्तारी भी खूब चर्चा में रही. आज भी ये बात लोगों के जहन में हैं.
जेएमएम विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ देते रहे बयानः वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने एक के बाद एक अपनी ही सरकार और पार्टी नेतृत्व पर राजनीतिक हमले जारी रखकर लगातार सुर्खियों में बने रहे. वहीं निर्दलीय विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर अपने सुरक्षा कर्मियों से लेकर स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय तक के कर्मियों को गलत तरीके से कोरोना प्रोत्साहन राशि दिलाने का आरोप मढ़कर खूब सुर्खियां बटोरी तो उनका राजनीतिक हमला लगातार भाजपा नेता रघुवर दास पर जारी रहा. इन शख्तियतों के अलावा खेल, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में कई ऐसे लोग रहें जिन्होंने वर्ष 2022 में खूब सुर्खियां बटोरीं.