रांची: गेतलसूद डैम में मछलियों की मौत के कारणों की जांच रिपोर्ट तैयार हो गई. विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख के निर्देश के बाद सोमवार (18 सितंबर) को जिला मत्स्य पदाधिकारी ने विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है. जिला मत्स्य पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चार केज में करीब 6-7 हजार मछलियों की मौत हुई थी. मछलियों की मौत पानी में ऑक्सीजन की कमी वजह से हुई है जबकि पानी में पी एच मान, नाइट्रेट और अन्य अवयव उचित मात्रा में पाए गए हैं.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश के मौसम में बादल छाए रहने की वजह से पानी में ऑक्सीजन कम हो जाता है. इसी वजह से यह घटना हुई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि समिति के सदस्यों को बीज और फीड उपलब्ध करा दिया जायेगा साथ ही ऐसी स्थिति में नियमाकुल ध्यान देने की बात कही गई है.
अब सवाल है कि अगर बादल छाए रहने की वजह से पानी में ऑक्सीजन लेवल कम हुआ था तो इसका प्रभाव दूसरे केज पर क्यों नहीं पड़ा. क्योंकि इस डैम में कुल 24 केज हैं जिनमें मछलियों का पालन किया जाता है. 4 को छोड़कर अन्य किसी केज में मछलियां नहीं मरी हैं.
खास बात है कि इस सवाल का जवाब देने को कोई तैयार नहीं है. आपको बता दें कि गेतलसूद एक नेचुरल डैम है. अनगड़ा के पास डैम को बांधा गया है. यहां से राजधानी में पेयजल आपूर्ति होती है. यह डैम रांची के लिए लाइफ लाइन है. लेकिन मछलियों के मरने की घटना से कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं.