रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भू-राजस्व विभाग के बैंक खाते से फर्जी तरीके से 12.60 करोड़ रुपये के निकासी मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है. ईडी ने सीआईडी में चल रहे जांच के आधार पर इस मामले में पलामू के तात्कालिन भू-अर्जन पदाधिकारी बंका राम, नाजिर रामाशंकर सिंह, पलामू एसबीआई बैंक के मैनेजर रविंद्र कुमार बड़ाइक और अन्य बैंककर्मियों, अमित चंदूलाल पटेल और मेसर्स शीतल कंस्ट्रक्शन को आरोपी बनाया है.
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक 15 जून 2018 को भू-अर्जन कार्यालय पलामू के बैंक खाते से 12.60 करोड़ रुपये दो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे. ओडिशा के एक्सिस बैंक में अमित चंदूभाई पटेल के खाते में 4.20 करोड़ और पूणे में फेडरल बैंक के मेसर्स शीतल कंस्ट्रक्शन के खाते में 8.40 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. साल 2019 में पूरी गड़बड़ी भू-अर्जन पदाधिकारी के तौर पर योगदान देने वाली निधि तिर्की ने पकड़ी थी. इसके बाद इस मामले में पलामू के टाउन थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद नाजिर रामाशंकर सिंह को पुलिस ने जेल भेज दिया था. मई महीने में इस कांड को सीआईडी ने टेकओवर किया था.
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बैंक और सरकारी कर्मियों की मिलीभगत
ईडी ने इस मामले में जांच संबंधी जो कागजात पुलिस और सीआईडी से लिए हैं, उसमें यह बात सामने आई है कि करोड़ों में पैसे ट्रांसफर किए जाने के बाद भी इसकी जानकारी बैंक के लोगों ने भू-अर्जन कार्यालय को नहीं दी थी. वहीं तात्कालिन भू-अर्जन पदाधिकारी और नाजिर ने भी पूरे मामले में विभाग को तथ्य से अवगत नहीं कराया था.