रांची: जमीन पर कब्जे के मामले में भूमाफिया कमलेश कुमार पर 24 घंटे बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. कमलेश सीधे तौर पर सिस्टम को खुली चुनौती दे रहा है लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कांके सीओ के आवेदन के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
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एसीबी जांच, एफआईआर फिर भी सक्रिय है कमलेश
बता दें कि सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम जांच कर रही है. कमलेश पर पहले से एफआईआर भी दर्ज है. इसके बावजूद कमलेश ने 25 एकड़ सरकारी जमीन की घेराबंदी की दोबारा कोशिश की. इसे लेकर कांके सीओ की ओर से बीते शनिवार को कांके थाने में आवेदन दिया गया लेकिन इसके 24 घंटे के बाद भी पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की. पुलिस यह कहकर पल्ला झाड़ रही है कि पहले से ही इस मामले में केस दर्ज है.
रोक के बावजूद कब्जे की कोशिश
रांची के कांके थाना क्षेत्र में स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पास सरकारी जमीन के कब्जे को लेकर यह मामला पूरे झारखंड में चर्चित है. संबंधित प्रोजेक्ट पर किसी भी तरह के कार्य पर रोक लगी हुई है. प्रशासन ने वहां बोर्ड भी लगा रखा है. इसके बावजूद पूरे सिस्टम को खुली चुनौती देकर फिर से उसी जमीन की घेराबंदी चालू कर दी गई. इसकी भनक जब कांके सीओ को मिली तब उन्होंने कांके थाने में कार्रवाई के लिए आवेदन दिया.
क्या कहते हैं कांके थाना प्रभारी
सीओ के आवेदन को लेकर जब कांके थाना प्रभारी नीरज कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में पूर्व में केस दर्ज है, इसलिए फिलहाल केस दर्ज नहीं किया गया है. सरकारी जमीन पर भूमाफिया की तरफ से जो काम किया जा रहा था उसे पुलिस ने फिलहाल रूकवा दिया है.
नप गए सीओ, पर भूमाफिया सुरक्षित
राजधानी रांची के इस चर्चित मामले में जमीन माफिया कमलेश कुमार के खिलाफ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के आरोप में कांके थाने में एफआइआर दर्ज है. मामला एसीबी तक पहुंच चुका है. इस मामले में तत्कालीन सीओ तक को निलंबित किया जा चुका है लेकिन इस पूरे कांड में जमीन माफिया कमलेश पर केवल जमानतीय धाराओं में एफआइआर कर संरक्षण देने का काम किया गया है. शायद यही वजह है कि रोक के बावजूद एक बार फिर से कमलेश की तरफ से सरकारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई.