रांची: पिछले दिनों रिम्स के चिकित्सक डॉ सिराजुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई थी. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने रिम्स प्रबंधन से सिराजुद्दीन के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग की थी. जब मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तब जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को रिम्स प्रबंधन को कड़े विरोध की चेतावनी दी. इसी के मद्देनजर गुरुवार को रिम्स के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया जिसमें एसोसिएशन की मांग पर रिम्स प्रबंधन की ओर से दिवंगत चिकित्सक डॉक्टर सिराजुद्दीन के परिवार को तत्काल आर्थिक मदद देने की बात कही गई. परिजनों को रिम्स प्रबंधन की तरफ से 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की गई.
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सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम
निदेशक से वार्ता समाप्त होने के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विकास ने बताया कि जिस तरह से राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों से काम ले रही है, उस हिसाब से चिकित्सकों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार को अगले 7 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर प्रमुख तीन मांगों पर सरकार सहमति नहीं देती है तो विरोध करने के लिए बाध्य होंगे.
ये है जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगें-
- जो डॉक्टर कोविड मरीजों की सेवा करने के दौरान संक्रमित हो रहे हैं, वैसे चिकित्सकों के लिए प्रबंधन रिम्स में विशेष इंतजाम करे. अगर उन्हें बाहर भेजने की जरूरत पड़ती है तो उस खर्च का जिम्मा राज्य सरकार उठाए.
- कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए जिन डॉक्टरों की मौत हो जा रही है, उनके परिवार को रिम्स प्रबंधन और सरकार की तरफ से आर्थिक सहयोग किया जाए.
- जो डॉक्टर पिछले डेढ़ वर्षों से कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहन राशि जल्द दिया जाए. डॉक्टरों का कहना है कि बिहार में दो बार चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि दी गई है.
बता दें कि झारखंड में अब तक कुल 23 चिकित्सकों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है. लेकिन किसी चिकित्सकों के परिजनों को अब तक सरकार की तरफ से कोई लाभ नहीं मिला है.