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देश में कोरोना से उत्पन्न भयावह स्थिति का जिम्मेवार केंद्र सरकार: डॉ रामेश्वर उरांव - Jharkhand Corona News

झारखंड में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 22 ले 29 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है. सीएम के फैसले का राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने स्वागत किया है, साथ ही केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

Finance Minister Rameshwar Oraon welcomed decision to impose lockdown in Jharkhand
कांग्रेस की पीसी
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Published : Apr 20, 2021, 7:06 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने जीवन की सुरक्षा के साथ जीविका को बचाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 22 से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के अनुपालन कराए जाने के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और सभी को इसका पालन करना चाहिए, इस फैसले से कितना आर्थिक नुकसान होगा, इसका आकलन तो बाद में होगा, फिलहाल लोगों के जीवन को बचाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.

कांग्रेस की पीसी

इसे भी पढे़ं: झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक लॉकडाउन

रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रवासी श्रमिक फिर से वापस लौट रहे हैं, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी भी सरकार की है, इसके अलावा स्वास्थ्य के साथ ही साथ सभी को भोजन उपलब्ध कराना भी सबसे जरूरी काम है, इसके लिए जरुरत पड़ने पर दीदी किचन, मुख्यमंत्री किचन और घर-घर अनाज पहुंचाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज जो दिक्कतें हो रही हैं, उसके लिए कहीं ना कहीं केंद्र सरकार भी जिम्मेवार है, केंद्र सरकार अगर चाहती तो तीन-चार महीने में बेड, वेंटिलेटर, इंजेक्शन, ऑक्सीजन, दवाईयां और कोरोना का टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, अमेरिका और ब्रिटेन समेत अन्य देशों में आज कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण इसलिए हो सका है, क्योंकि युद्ध स्तर पर वहां कोरोना टीका लगाया गया, अगर हमने भी देशवासियों को टीका दिया होता तो कोरोना महामारी का वीभत्स रूप देखने को नहीं मिलता.


कोरोना से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत: रामेश्वर उरांव
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व में ही पार्टी की ओर से यह मांग की गई थी कि कोरोना टीकाकरण के लिए उम्र सीमा 45 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया जाना चाहिए और अब केंद्र सरकार ने 1 मई से इसे घटाकर 18 वर्ष करने का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार भी अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत है. उन्होंने निजी अस्पतालों से भी आग्रह किया कि विपत्ति के समय को संपत्ति बनाने का जरिया ना बनाएं, यह वक्त संवेदनशीलता के साथ लोगों की मदद और भलाई करने का है. उन्होंने कहा अगर केंद्र सरकार अनुमति देगी तो हम बांग्लादेश से दवाईयां जरूर खरीदेंगे.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने जीवन की सुरक्षा के साथ जीविका को बचाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 22 से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के अनुपालन कराए जाने के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और सभी को इसका पालन करना चाहिए, इस फैसले से कितना आर्थिक नुकसान होगा, इसका आकलन तो बाद में होगा, फिलहाल लोगों के जीवन को बचाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.

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रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रवासी श्रमिक फिर से वापस लौट रहे हैं, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी भी सरकार की है, इसके अलावा स्वास्थ्य के साथ ही साथ सभी को भोजन उपलब्ध कराना भी सबसे जरूरी काम है, इसके लिए जरुरत पड़ने पर दीदी किचन, मुख्यमंत्री किचन और घर-घर अनाज पहुंचाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज जो दिक्कतें हो रही हैं, उसके लिए कहीं ना कहीं केंद्र सरकार भी जिम्मेवार है, केंद्र सरकार अगर चाहती तो तीन-चार महीने में बेड, वेंटिलेटर, इंजेक्शन, ऑक्सीजन, दवाईयां और कोरोना का टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, अमेरिका और ब्रिटेन समेत अन्य देशों में आज कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण इसलिए हो सका है, क्योंकि युद्ध स्तर पर वहां कोरोना टीका लगाया गया, अगर हमने भी देशवासियों को टीका दिया होता तो कोरोना महामारी का वीभत्स रूप देखने को नहीं मिलता.


कोरोना से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत: रामेश्वर उरांव
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व में ही पार्टी की ओर से यह मांग की गई थी कि कोरोना टीकाकरण के लिए उम्र सीमा 45 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया जाना चाहिए और अब केंद्र सरकार ने 1 मई से इसे घटाकर 18 वर्ष करने का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार भी अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत है. उन्होंने निजी अस्पतालों से भी आग्रह किया कि विपत्ति के समय को संपत्ति बनाने का जरिया ना बनाएं, यह वक्त संवेदनशीलता के साथ लोगों की मदद और भलाई करने का है. उन्होंने कहा अगर केंद्र सरकार अनुमति देगी तो हम बांग्लादेश से दवाईयां जरूर खरीदेंगे.

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