रांची: झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने गुरुवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की वकालत की. इसके साथ ही उन्होंने सरकार के स्कूल खोलने के मामले पर कहा है कि 2 महीने तक अगर स्कूल नहीं खुलेंगे, तो पहाड़ नहीं टूट जाएगा, लेकिन स्कूल खोलने पर ग्रामीण इलाकों के छोटे-छोटे कमरों में 30 से 40 बच्चे बैठते हैं. अगर वह संक्रमण के शिकार होंगे तो पहाड़ जरूर टूटेगा.
कोरोना संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग
लॉकडाउन 4.0 का समय समाप्त होने वाला है. इसे लेकर झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री ने स्कूल खोलने की तैयारी के संकेत दिए है. ऐसे में सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है कि गांव देहात में छोटे-छोटे स्कूल के कमरे होते हैं, जहां 30 से 40 बच्चे पढ़ने के लिए बैठते हैं. वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता. कोरोना संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है. ऐसे में 2 महीने बच्चे नहीं पढ़ेंगे तो कोई पहाड़ नहीं टूट जाएगा, लेकिन एक साथ 40 बच्चे एक रूम में पढ़ेंगे और कोरोना संक्रमण के शिकार होंगे तो पहाड़ जरूर टूट जाएगा.
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जीवन के साथ-साथ जीविका बचाने का होना चाहिए काम
वित मंत्री ने कहा कि कोरोना की अब तक कोई दवा नहीं बन पाई है, जिसे देने से मरीज अच्छा हो जाए. ऐसे में अब छूट मिलनी चाहिए, लेकिन गैदरिंग नहीं होनी चाहिए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सिनेमा हॉल ना खुले, कोई सभा ना हो, स्कूल ना खुलें और ना ही मेला लगाया जाए. इससे परेशानी बढ़ सकती है. मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का सिर्फ एक ही उपाय है. वह है सोशल डिस्टेंसिंग. उन्होंने कहा कि जो होना है वह होकर रहेगा. लॉकडाउन को लेकर उम्मीद जताई गई थी कि 5 हजार तक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आएंगे, लेकिन देश में डेढ़ लाख के पार मरीजों की संख्या हो गई. ऐसे में अब छूट मिलनी चाहिए और जीवन के साथ-साथ जीविका बचाने का भी काम होना चाहिए.