रांचीः बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर सुप्रियो मजूमदार आत्महत्या मामले में रांची पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है. वहीं मंगलवार को सुप्रियो के आत्महत्या को लेकर सुप्रियो के पिता आलोक मजूमदार ने रांची के चुटिया थाने में एफआईआर भी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में रामगढ़ एसपी के रीडर, डीएसपी के रीडर, कैंट थाना के आईओ ए समद को आरोपी बनाया गया है. जिसमें यह आरोप लगाया है कि उनके निर्दोष पुत्र सुप्रीयो को गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी जा रही थी. इस वजह से उसने सुसाइड कर लिया है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर चुटिया पुलिस की टीम जांच में जुट गई है.
व्हाट्सएप पर भेजा था 41 ए का नोटिसः सुप्रियो मजूमदार के पिता ने थाने में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि उनके पुत्र सुप्रियो के मोबाइल पर रामगढ़ कैंट थाना के आईओ ने केस नंबर 361-18 (5.9.2018) में 41-ए का नोटिस भेजा था. जिसमें 17 अगस्त तक पक्ष रखने का निर्देश दिया गया था. जबकि इस केस की प्राथमिकी में उनके पुत्र सुप्रियो का नाम ही नहीं था. सुप्रियो के पिता ने अपने आवेदन में यह बताया है कि नोटिस के आलोक में उनका बेटा 17 अगस्त को रामगढ़ कैंट थाना पहुंचा था और केस के आईओ के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा था. उस दौरान आईओ ने केस में उन्हें दोषी होने की बात कही और धमकी दी कि एसपी ने उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. इसलिए एसपी के समक्ष ही वे अपना पक्ष रखें. हालांकि इस दौरान सुप्रियो ने कई बार केस आईओ को समझाया, लेकिन आईओ एसपी के समक्ष पक्ष रखने की बात दुहराते रहे. फिर सुप्रियो रामगढ़ एसपी के कार्यालय पहुंचा, लेकिन एसपी मौजूद नहीं थे. कार्यालय में मौजूद उनके रीडर ने सुप्रियो का पक्ष सुनने के बाद भी उसे गिरफ्तारी का भय दिखाया. काफी समझाने के बाद डीएसपी से मिलकर पक्ष रखने की सलाह दी. डीएसपी के कार्यालय में भी उसके साथ ऐसा ही हुआ. इसके बाद वह फिर से केस आईओ के पास पहुंचा. आरजू-मिन्नत करने के बाद केस आईओ ने उनका आवेदन लिया.
सीबीआई ने बनाया था सरकारी गवाहः सुप्रियो के पिता ने पुलिस को बताया कि उनके पुत्र की पहली पोस्टिंग बैंक ऑफ इंडिया के रामगढ़ कैंट में हुई थी. उस दौरान वर्ष 2018 में बैंक के पदाधिकारी बोंगरा कुमार सिंह और प्रफुल्ल कुमार बेहरा द्वारा आयल टैंकर के लोन की राशि गबन कर ली गई थी. जिसमें उनके पुत्र को नौकरी का भय दिखाकर उससे कागजात में हस्ताक्षर करा लिया गया था, जबकि वह अधिकृत भी नहीं था. इस मामले की सीबीआई ने जांच की. जांच के दौरान उनके पुत्र का नाम कहीं पर भी शामिल नहीं किया. सुप्रियो को सरकारी गवाह बनाया गया, लेकिन उनका बेटा पुलिस की प्रताड़ना से परेशान हो गया और आत्महत्या कर लिया.
दोषी पुलिस अफसर को सजा देने की मांगः आत्महत्या करने वाले बैंक मैनेजर सुप्रियो के पिता आलोक मजूमदार ने अपने आवेदन में यही भी लिखा है कि वह एक वृद्ध और लाचार पिता हैं. वे पुलिस से अनुरोध करते हैं कि इस मामले में उचित जांच कर दोषियों को उचित सजा दिलाएं, ताकि भविष्य में कोई पिता और बहन को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े.
आवेदन मिला है, पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही हैः इस संबंध में चुटिया थाना प्रभारी वेंकटेश कुमार ने बताया कि मृतक सुप्रियो मजूमदार के पिता के द्वारा थाने में आवेदन दिया गया आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.