रांचीः प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का लाभ योग्य किसानों को नहीं मिल पा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ अयोग्य लाभुकों तो मिल रहा है. जिन किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया उनके खातों में पैसा नहीं आया है.
आनन-फानन में भेजा गया अयोग्य लाभुकों को पैसा
कृषि विभाग ने आनन-फानन में पौने पांच लाख लाभुकों के खाते में दो-दो हजार रुपये ट्रांसफर तो कर दिए हैं. इन किसानों की सूची पिछले साल 2018 की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से तैयार की गई थी. इनमें से ऐसे लाभुक हैं जिनको पैसा मिल गया है लेकिन उनके पास जमीन नहीं है. कई लाभुक ऐसे हैं जो सरकार को टैक्स देते हैं या फिर सरकारी सेवा से रिटायर हैं. विभाग ने आनन-फानन में अयोग्य लाभुकों को इसका लाभ तो दे दिया, लेकिन जिन किसानों ने आवेदन किया उन्हें योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पा रहा है.
मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने कांके प्रखंड के कई गांव का मुआयना किया. गांव के लोगों से बातचीत कर जानने की कोशिश की गई कि आखिर किसानों के खाते में पैसे आए है या नहीं. पिठोरिया गांव में कई परिवार मिले जिनके सदस्यों को इस योजना में 2-2 हाजर मिल गए. जिसमें ज्यादातर लाभुक योजना के लिए अयोग्य हैं. उन्होंने इसके लिए आवेदन भी नहीं किया था.
विभागीय लापरवाही से सही व्यक्ति को नहीं मिल रहा लाभ
प्रगतिशील किसान नकुल महतो ने बताया कि 5 एकड़ जमीन के कागज के साथ इस योजना के लिए आवेदन दिया था. उनके खाते में योजना का पैसा नहीं आया. उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण आनन-फानन में कदम उठाया गया है. जिसके कारण जिन किसानों को इस योजना का लाभ मिलना था. उन्हें तक तक इस योजना का लाभ ही नहीं मिल पाया है.
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आवेदन प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका
इस योजना का लाभ किसानों तक सीधे पहुंचे, इसके लिए सभी अंचल कार्यालय से पंजीयन-2 में नाम के आधार पर एक आवेदन फार्म तैयार किया गया था. आवेदन फॉर्म पंचायत में बने रैयत समन्वय समिति को दिया गया था. रैयत समन्वय समिति से संबंधित लोगों के पास जाकर किसानों को आवेदन फार्म में अकाउंट नंबर, आधार नंबर आदि भरवाना था. जिसे अंचल कार्यालय में जमा करना था.
अधिकारियों के सत्यापन करने के बाद उपायुक्त के पास फॉर्म को भेजा जाना था. जिससे सही किसानों तक इसका लाभ पहुंच सके. रैयत समन्वय समिति उदय कुमार ने बताया कि किसानों का जो भी आवेदन मिला उसे प्रक्रिया के तहत ही जमा कर दिया गया. अगर किसानों को लाभ नहीं दिया जा रहा है तो ये जांच का जांच का विषय है.