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योग्य किसानों को नहीं मिल रहा पीएम किसान सम्मान और आशीर्वाद योजना का लाभ, प्रशासन बेखबर

सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान निधि जैसे कई लाभकारी योजनाएं लाती है. वहीं, योजनाओं को धरातल पर उतारने की बारी आती है तो गड़बड़ियां उजागर होने लगती है.

खेतों में काम करते किसान
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Published : Jul 2, 2019, 3:32 PM IST

रांचीः प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का लाभ योग्य किसानों को नहीं मिल पा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ अयोग्य लाभुकों तो मिल रहा है. जिन किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया उनके खातों में पैसा नहीं आया है.

देखें स्पेशल स्टोरी

आनन-फानन में भेजा गया अयोग्य लाभुकों को पैसा

कृषि विभाग ने आनन-फानन में पौने पांच लाख लाभुकों के खाते में दो-दो हजार रुपये ट्रांसफर तो कर दिए हैं. इन किसानों की सूची पिछले साल 2018 की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से तैयार की गई थी. इनमें से ऐसे लाभुक हैं जिनको पैसा मिल गया है लेकिन उनके पास जमीन नहीं है. कई लाभुक ऐसे हैं जो सरकार को टैक्स देते हैं या फिर सरकारी सेवा से रिटायर हैं. विभाग ने आनन-फानन में अयोग्य लाभुकों को इसका लाभ तो दे दिया, लेकिन जिन किसानों ने आवेदन किया उन्हें योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पा रहा है.
मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने कांके प्रखंड के कई गांव का मुआयना किया. गांव के लोगों से बातचीत कर जानने की कोशिश की गई कि आखिर किसानों के खाते में पैसे आए है या नहीं. पिठोरिया गांव में कई परिवार मिले जिनके सदस्यों को इस योजना में 2-2 हाजर मिल गए. जिसमें ज्यादातर लाभुक योजना के लिए अयोग्य हैं. उन्होंने इसके लिए आवेदन भी नहीं किया था.
विभागीय लापरवाही से सही व्यक्ति को नहीं मिल रहा लाभ

प्रगतिशील किसान नकुल महतो ने बताया कि 5 एकड़ जमीन के कागज के साथ इस योजना के लिए आवेदन दिया था. उनके खाते में योजना का पैसा नहीं आया. उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण आनन-फानन में कदम उठाया गया है. जिसके कारण जिन किसानों को इस योजना का लाभ मिलना था. उन्हें तक तक इस योजना का लाभ ही नहीं मिल पाया है.
ये भी पढ़ें-विधायक प्रदीप यादव ने हाईकोर्ट में दायर की अग्रिम जमानत याचिका, यौन शोषण मामले में चल रहे हैं फरार

आवेदन प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका

इस योजना का लाभ किसानों तक सीधे पहुंचे, इसके लिए सभी अंचल कार्यालय से पंजीयन-2 में नाम के आधार पर एक आवेदन फार्म तैयार किया गया था. आवेदन फॉर्म पंचायत में बने रैयत समन्वय समिति को दिया गया था. रैयत समन्वय समिति से संबंधित लोगों के पास जाकर किसानों को आवेदन फार्म में अकाउंट नंबर, आधार नंबर आदि भरवाना था. जिसे अंचल कार्यालय में जमा करना था.

अधिकारियों के सत्यापन करने के बाद उपायुक्त के पास फॉर्म को भेजा जाना था. जिससे सही किसानों तक इसका लाभ पहुंच सके. रैयत समन्वय समिति उदय कुमार ने बताया कि किसानों का जो भी आवेदन मिला उसे प्रक्रिया के तहत ही जमा कर दिया गया. अगर किसानों को लाभ नहीं दिया जा रहा है तो ये जांच का जांच का विषय है.

रांचीः प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का लाभ योग्य किसानों को नहीं मिल पा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ अयोग्य लाभुकों तो मिल रहा है. जिन किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया उनके खातों में पैसा नहीं आया है.

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आनन-फानन में भेजा गया अयोग्य लाभुकों को पैसा

कृषि विभाग ने आनन-फानन में पौने पांच लाख लाभुकों के खाते में दो-दो हजार रुपये ट्रांसफर तो कर दिए हैं. इन किसानों की सूची पिछले साल 2018 की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से तैयार की गई थी. इनमें से ऐसे लाभुक हैं जिनको पैसा मिल गया है लेकिन उनके पास जमीन नहीं है. कई लाभुक ऐसे हैं जो सरकार को टैक्स देते हैं या फिर सरकारी सेवा से रिटायर हैं. विभाग ने आनन-फानन में अयोग्य लाभुकों को इसका लाभ तो दे दिया, लेकिन जिन किसानों ने आवेदन किया उन्हें योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पा रहा है.
मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने कांके प्रखंड के कई गांव का मुआयना किया. गांव के लोगों से बातचीत कर जानने की कोशिश की गई कि आखिर किसानों के खाते में पैसे आए है या नहीं. पिठोरिया गांव में कई परिवार मिले जिनके सदस्यों को इस योजना में 2-2 हाजर मिल गए. जिसमें ज्यादातर लाभुक योजना के लिए अयोग्य हैं. उन्होंने इसके लिए आवेदन भी नहीं किया था.
विभागीय लापरवाही से सही व्यक्ति को नहीं मिल रहा लाभ

प्रगतिशील किसान नकुल महतो ने बताया कि 5 एकड़ जमीन के कागज के साथ इस योजना के लिए आवेदन दिया था. उनके खाते में योजना का पैसा नहीं आया. उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण आनन-फानन में कदम उठाया गया है. जिसके कारण जिन किसानों को इस योजना का लाभ मिलना था. उन्हें तक तक इस योजना का लाभ ही नहीं मिल पाया है.
ये भी पढ़ें-विधायक प्रदीप यादव ने हाईकोर्ट में दायर की अग्रिम जमानत याचिका, यौन शोषण मामले में चल रहे हैं फरार

आवेदन प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका

इस योजना का लाभ किसानों तक सीधे पहुंचे, इसके लिए सभी अंचल कार्यालय से पंजीयन-2 में नाम के आधार पर एक आवेदन फार्म तैयार किया गया था. आवेदन फॉर्म पंचायत में बने रैयत समन्वय समिति को दिया गया था. रैयत समन्वय समिति से संबंधित लोगों के पास जाकर किसानों को आवेदन फार्म में अकाउंट नंबर, आधार नंबर आदि भरवाना था. जिसे अंचल कार्यालय में जमा करना था.

अधिकारियों के सत्यापन करने के बाद उपायुक्त के पास फॉर्म को भेजा जाना था. जिससे सही किसानों तक इसका लाभ पहुंच सके. रैयत समन्वय समिति उदय कुमार ने बताया कि किसानों का जो भी आवेदन मिला उसे प्रक्रिया के तहत ही जमा कर दिया गया. अगर किसानों को लाभ नहीं दिया जा रहा है तो ये जांच का जांच का विषय है.

Intro:रांची. देश के प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में जल संचय पर फोकस करने की बात कही थी. जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आगामी 7 जुलाई से जल संचय के लिए अभियान चलाने की घोषणा की है.ऐसे में राजधानी रांची में जल संचय अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन जुट गया है.




Body:रांची जिले में जल संचय अभियान में सबकी सहभागिता को ध्यान में रखते हुए जिले के उपायुक्त राय महिमापत रे ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में सभी एसडीओ, सीओ समेत सभी विभाग के विभागाध्यक्ष ,केंद्र सरकार द्वारा संचालित कार्यालयों के प्रतिनिधियों और पुलिस प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर जल संचय पर चर्चा की है और कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
Conclusion:जिले के उपायुक्त राय महिमापत रे ने इन बैठकों को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने जल संचय पर जोर दिया है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री द्वारा जल संचय कार्यक्रम चलाए जाने की घोषणा की है. ऐसे में रांची जिला के सभी पंचायत में जल संचय के प्रति लोग जागरूक हो और इसके प्रति काम करें.इसकी तैयारी की जा रही है.उन्होंने कहा कि अगले साल इस साल की तरह पानी की समस्या ना हो. इस लिहाज से जल संचय पर काम किया जाएगा .साथ ही पानी के रिचार्ज के लिए सभी पंचायत में कार्य किए जाएंगे .
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