रांची: चक्रवाती तूफान यास का असर झारखंड में दिखने लगा है. एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से राज्य में लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के कारण किसान अपनी फसल को लेकर पहले से ही परेशान हैं, तो दूसरी तरफ चक्रवर्ती तूफान ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगे फसल को भी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. किसान खेतों में लगे फसलों को कैसे बचा सकते हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत से रांची कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. एके वदूद ने जानकारी साझा की है.
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झारखंड में यास तूफान का 26 मई की सुबह से ही असर दिखना शुरू हो गया. 26 मई को झारखंड के दक्षिणी जिले में भारी बारिश की चेतावनी विभाग ने दी है. इसके अलावा 27 मई को रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं 28 मई को भी झारखंड के पूर्वी जिले गुमला, लातेहार और पलामू में तेज बारिश देखने को मिलेगी. भारी बारिश के मद्देनजर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय किसानों को लेकर सुझाव दिया है.
वैज्ञानिकों की किसानों को सलाह
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सजग और सावधानी बरतने की सलाह दी है. बीएयू के निदेशक अनुसंधान डॉ एके वदूद ने तूफान से पैनिक नहीं होने की बात कही है. उन्होंने किसानों को खेतों मै तैयार सब्जी की फसलों की तोडाई करने को कहा है, साथ ही उन्होंने सब्जी, कुछ दिनों पहले बोए गए ओल, अदरख, हल्दी के खेतों में पानी निकास के लिए नाली बनाने और खेतों में जलजमाव नहीं होने देने की सलाह दी है.