रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बीते दिन विवादास्पद कृषि कानून को निरस्त करने (Farm Laws Repeal) के ऐलान के बाद भी इस पर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस बीच कृषि कानून मामले में किसानों के वकील एपी सिंह ने रांची प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता (press conference at Ranchi Press Club)की. इस दौरान एडवोकेट एपी सिंह (Advocate AP Singh in agricultural law case)ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय हित में यह फैसला लिया है और यह स्वागत योग्य है. साथ ही उन्होंने आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के लिए शहीद के दर्जे की भी मांग की.
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रांची प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह कृषि कानून मामले में किसानों के वकील डॉक्टर एपी सिंह ने कहा कि पिछले 1 वर्ष से हरियाणा-पंजाब के क्षेत्रों में किसानों के हक के लिए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा में आंदोलन कर रही थी. 30 और 31 अक्टूबर को मध्यप्रदेश में महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में इस आंदोलन को लेकर कई निर्णय लिए गए थे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून को निरस्त करने का ऐलान कर दिया है जो स्वागत योग्य है.
आंदोलन में मरने वाले किसानों को मिले शहीद का दर्जा
डॉक्टर एपी सिंह ने सरकार से मांग की कि कृषि आंदोलन के दौरान जिन भी किसानों की मौत हुई है, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. साथ ही संबंधित किसानों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाए और उनके परिजनों को मुआवजे के तौर पर नौकरी भी प्रदान किया जाए.
इन मामलों पर भी की चर्चा
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह कृषि कानून मामले में किसानों के वकील डॉक्टर एपी सिंह ने एससी-एसटी एक्ट के तहत झूठे मामले में फंसाने के मामलों पर भी चिंता जताई. साथ ही जाति आधारित आरक्षण नीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण नीति से लाभान्वित होने वाले जाति के भी गरीबों और लाचारों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने आरक्षण संबंधित नीति को समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने की मांग भी उठाई.