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झारखंड को नई शिक्षा नीति से क्या मिलेगा लाभ, जाने विशेषज्ञों की राय

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Published : Nov 2, 2021, 4:40 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 5:04 PM IST

नई शिक्षा नीति 2021 को लेकर मंथन जारी है. इस नीति को जल्द से जल्द राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की तैयारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से की जा रही है. विशेषज्ञों की मानें तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति झारखंड के लिए बेहतर साबित होगा.

education policy 2021
education policy 2021

रांची: नई शिक्षा नीति को लेकर देशभर में चर्चाएं जारी है. झारखंड के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में इस नीति को लागू करने के लिए मंथन की जा रही है. राज्यपाल सह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने भी तमाम विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के तहत ढलने को लेकर तैयारी करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ राज्यपाल ने की बैठक, शिक्षा में सुधार को लेकर हुई चर्चा

झारखंड को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से काफी लाभ मिलेगा, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. झारखंड में कई जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाएं हैं. इस राज्य में इन भाषाओं को लेकर विद्यार्थी अध्ययनरत भी हैं. नई शिक्षा नीति में ऐसे कई प्रावधान हैं जिसमें जनजातीय भाषा को लेकर उच्च शिक्षा तक हासिल कर रोजगार का मार्ग तय किया जा सकता हैं. वहीं इस नीति में और भी कई ऐसे पहलू जोड़े गए हैं. जिससे विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों को सीधा सीधा फायदा मिलेगा.

देखें पूरी खबर
नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने के बाद राज्य को क्या फायदा होगा? यहां के शिक्षण संस्थान इस नीति से कितना लाभ उठा पाएंगे और झारखंड में इस नीति को लागू करने में क्या कुछ अड़चनें आ सकती है. ऐसे ही तमाम पहलुओं को लेकर हमारी टीम ने विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की राय जानने की कोशिश की है. मामले को लेकर शिक्षाविद, विद्यार्थियों ने कहा है कि राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इसके लागू होने से विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा. दूसरी ओर राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों और निजी विश्वविद्यालयों के बीच एक सामंजस्य स्थापित होगा. तकनीकी पढ़ाई पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय संस्थान इस नई शिक्षा नीति का पूरा लाभ उठा पाएंगे.

रांची: नई शिक्षा नीति को लेकर देशभर में चर्चाएं जारी है. झारखंड के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में इस नीति को लागू करने के लिए मंथन की जा रही है. राज्यपाल सह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने भी तमाम विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के तहत ढलने को लेकर तैयारी करने का निर्देश दिया है.

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झारखंड को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से काफी लाभ मिलेगा, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. झारखंड में कई जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाएं हैं. इस राज्य में इन भाषाओं को लेकर विद्यार्थी अध्ययनरत भी हैं. नई शिक्षा नीति में ऐसे कई प्रावधान हैं जिसमें जनजातीय भाषा को लेकर उच्च शिक्षा तक हासिल कर रोजगार का मार्ग तय किया जा सकता हैं. वहीं इस नीति में और भी कई ऐसे पहलू जोड़े गए हैं. जिससे विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों को सीधा सीधा फायदा मिलेगा.

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नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने के बाद राज्य को क्या फायदा होगा? यहां के शिक्षण संस्थान इस नीति से कितना लाभ उठा पाएंगे और झारखंड में इस नीति को लागू करने में क्या कुछ अड़चनें आ सकती है. ऐसे ही तमाम पहलुओं को लेकर हमारी टीम ने विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की राय जानने की कोशिश की है. मामले को लेकर शिक्षाविद, विद्यार्थियों ने कहा है कि राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इसके लागू होने से विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा. दूसरी ओर राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों और निजी विश्वविद्यालयों के बीच एक सामंजस्य स्थापित होगा. तकनीकी पढ़ाई पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय संस्थान इस नई शिक्षा नीति का पूरा लाभ उठा पाएंगे.
Last Updated : Nov 2, 2021, 5:04 PM IST
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