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रांचीः खतरे में हरमू नदी का अस्तित्व, नदी के चारों तरफ गंदगी ही गंदगी

रांची के हरमू नदी में सालों से कूड़े का अंबार लगा हुआ है, जिससे नदी का अस्तित्व मिटने लगा है. नदी किनारे गंदगी जमा होने से आसपास के लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Feb 3, 2020, 1:24 PM IST

existence of Harmu River in danger in ranchi
खतरे में हरमू नदी का अस्तित्व

रांची: कुछ साल पहले तक राजधानी का लाइफ लाइन कहे जाने वाले हरमू नदी का अस्तित्व आज समाप्त होने की कगार पर है. नदी में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. नदी के आसपास रहने वाले लोग गंदगी को लेकर काफी परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए पिछली सरकार ने कई योजनाओं को कार्यान्वित किया था और नदी की साफ-सफाई के लिए जुडको कंपनी को टेंडर भी मिला था, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद नदी की हालत जस की तस बनी हुई है.

इसे भी पढ़ें:- कोराना वायरस को लेकर रांची में खौफ, एयरपोर्ट के बाद रेलवे स्टेशन पर बरती जा रही है विशेष सतर्कता

नगर निगम के सफाई कर्मचारी बताते हैं कि स्थानीय लोगों की लापरवाही की वजह से नदी की सफाई करना मुश्किल हो रहा है, बार-बार नदी से गंदगी निकालने के बाद लोग अपने घरों का गंदा नदी में फेंकने का काम करते हैं, जिसके कारण नदी में गंदगी बनी रहती है.

वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि हरमू मुक्ति धाम में शवों की अंत्येष्टि होने की वजह से भी नदी की साफ सफाई नहीं हो पाती है. लोग शव के समान को मुक्तिधाम में ही छोड़कर चले जाते हैं, जिससे गंदगी का अंबार जमा होता है और मुक्तिधाम में काम करने वाले लोग गंदगी को नदी में ही बहा देते हैं, जिस वजह से नदी और भी गंदी हो रही है.

नदी सफाई का जल्द होगा काम
इसे लेकर जिले के नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि नदी किनारे लोगों ने अतिक्रमण कर अपना घर बना लिया है, वो लोग घरों का गंदा सामान नदी में बहाते हैं, जो एक बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द हरमू नदी को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन और सरकार प्रयास करेगी, ताकि नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके.

रांची: कुछ साल पहले तक राजधानी का लाइफ लाइन कहे जाने वाले हरमू नदी का अस्तित्व आज समाप्त होने की कगार पर है. नदी में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. नदी के आसपास रहने वाले लोग गंदगी को लेकर काफी परेशान हैं.

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हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए पिछली सरकार ने कई योजनाओं को कार्यान्वित किया था और नदी की साफ-सफाई के लिए जुडको कंपनी को टेंडर भी मिला था, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद नदी की हालत जस की तस बनी हुई है.

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नगर निगम के सफाई कर्मचारी बताते हैं कि स्थानीय लोगों की लापरवाही की वजह से नदी की सफाई करना मुश्किल हो रहा है, बार-बार नदी से गंदगी निकालने के बाद लोग अपने घरों का गंदा नदी में फेंकने का काम करते हैं, जिसके कारण नदी में गंदगी बनी रहती है.

वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि हरमू मुक्ति धाम में शवों की अंत्येष्टि होने की वजह से भी नदी की साफ सफाई नहीं हो पाती है. लोग शव के समान को मुक्तिधाम में ही छोड़कर चले जाते हैं, जिससे गंदगी का अंबार जमा होता है और मुक्तिधाम में काम करने वाले लोग गंदगी को नदी में ही बहा देते हैं, जिस वजह से नदी और भी गंदी हो रही है.

नदी सफाई का जल्द होगा काम
इसे लेकर जिले के नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि नदी किनारे लोगों ने अतिक्रमण कर अपना घर बना लिया है, वो लोग घरों का गंदा सामान नदी में बहाते हैं, जो एक बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द हरमू नदी को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन और सरकार प्रयास करेगी, ताकि नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके.

Intro:स्पेशल रिपोर्ट।
रांची
कुछ वर्ष पहले तक राजधानी का लाइफ लाइन कहा जाने वाला हरमू नदी का आज अस्तित्व समाप्त होने पर आ गया है। नदी में कूड़े का अंबार लगा हुआ है।

नदी के आसपास रहने वाले लोग नदी में बढ़ रही गंदगी को लेकर परेशानियों का सामना करने को मजबूर हैं।




Body:हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए पिछली सरकार ने कई योजनाओं को कार्यान्वित किया था और नदी के साफ-सफाई एवं उसे फिर से जिंदा करने के लिए जुडको कंपनी को टेंडर दी गई थी लेकिन लाख प्रयास के बावजूद भी नदी की हालत जस की तस है।

नगर निगम के सफाई कर्मचारी बताते हैं कि स्थानिय लोगों की लापरवाही से नदी की सफाई करना मुश्किल हो रहा है।बार-बार नदी से गंदगी निकालने के बाद लोग अपने घरों का गंदा नदी में फेंकने का काम करते हैं जिस वजह से नदी में गंदगी बनी रहती है।

वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि हरमू मुक्ति धाम में शवों की अंत्येष्टि होने की वजह से भी नदी के साफ सफाई का काम बाधित होता है, लोग अपने घरों से लाए शव के समान को मुक्तिधाम में ही छोड़ देते हैं जिस वजह से गंदगी का अंबार जमा होता है और मुक्तिधाम में काम करने वाले लोग गंदगी को नदी में ही बहा देते हैं जिस वजह से नदी और भी गंदी हो रही है।

वहीं जिले के नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों के द्वारा अतिक्रमण भी एक बहुत बड़ी समस्या है नदी के आसपास लोगों ने अतिक्रमण कर अपना घर बना लिया है जिस वजह से उनके घरों का गंदा सामान नदी में जाता है वहीं उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द हरमू नदी को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन एवं सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है ताकि नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके।




Conclusion:वहीं स्थानीय लोगों ने भी कहा कि अगर सरकार नदी की सुंदरीकरण को लेकर काम करना चाहती है तो हम लोग सरकार और प्रशासन को सहयोग करने का काम करेंगे।

गौरतलब है कि नदी की स्थिति इतनी दयनीय है कि इसे साफ करने के लिए संसाधनों की आवश्यकता और स्थानीय लोगों के सहयोग की जरूरत पड़ेगी, ऐसे में राज्य की शान कही जाने वाली हरमू नदी के जीर्णोद्धार को लेकर सरकार को ज्यादा से ज्यादा पहल करने की आवश्यकता है ताकि हरमू नदी को फिर से जिंदा किया जा सके।

बाइट-सफाई कर्मचारी।
बाइट-मनोज कुमार,नगर आयुक्त।
बाइट-उपेंद्र सिंह,स्थानिय।
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