रांची: नाबालिग को राजधानी से दिल्ली ले जाने के दौरान पकड़े गए ग्रामीण विकास विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर जितेंद्र पासवान को थाने से ही छोड़ दिया गया. इंजीनियर जितेंद्र पासवान रांची एयरपोर्ट पर पकड़े गए थे. जिसके बाद बच्ची का रेस्क्यू कर पुलिस ने इंजीनियर को हिरासत में लिया था.
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क्या है मामला: एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ रांची एयरपोर्ट थाने में 15 साल की एक नाबालिग को जबरन दिल्ली ले जाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. जिसमें अपहरण और मानव तस्करी से संबंधित धाराएं लगी हैं. इसके बावजूद आरोपित इंजीनियर को पुलिस ने पीआर बांड लिखवाकर थाने से ही छोड़ दिया गया है. बांड में अनुसंधान में सहयोग और बाहर नहीं जाने के शर्त लिखवाए गए हैं. इंजीनियर पर बिना कार्रवाई किए, थाने से ही छोड़ दिए जाने को लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमीशन (Child Welfare Commission CWC) बेहद नाराज है. इस मामले में सीडब्ल्यूसी की ओर से एयरपोर्ट थानेदार को नोटिस भेजा जाएगा.
क्या है पुलिस का तर्क: इंजीनियर को थाने से छोड़ देने को लेकर पुलिस का अपना तर्क है. पुलिस का कहना है कि सरकारी पदाधिकारी होने की वजह से छोड़ा गया है. विभागीय सहमति मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी. एक्जीक्यूटिव इंजीनियर जितेंद्र पासवान देवघर में पोस्टेड हैं. उन्हें मंगलवार को हिरासत में लिया गया था. इधर, पुलिस ने बच्ची को कोर्ट में सीआरपीसी 164 का बयान दर्ज कराने के लिए सीडब्ल्यूसी से अनुमति मांगी है. आज बच्ची का कोर्ट में बयान दर्ज कराया जाएगा. फिलहाल बच्ची को शेल्टर होम में रखा गया है.
बच्ची खुद उतर गई थी फ्लाइट से: एयरपोर्ट से रेस्क्यू की गई 15 साल की नाबालिग ने अपने बयान में बताया था कि उसे झाड़ू-पोछा का काम कराने के लिए जबरन दिल्ली ले जाया जा रहा था. जबकि बच्ची को बीते 5 मार्च को ही देवघर से रांची लाया गया था. यहां चार दिनों तक एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने उसे रातू रोड हेहल स्थित अपने घर पर रखा और यहां भी घर के काम करवाए. इसके बाद किसी डाक्टर साहब के पास दिल्ली भेजा जा रहा था.