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जेल में बंद पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को एक और झटका, पत्थलगड़ी और गाय की बलि मामले में जमानत याचिका खारिज

34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में पहले से ही जेल में बंद पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट से एक और लगा झटका लगा है. पत्थलगड़ी और गाय की बलि देने के मामले में अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

फाइल फोटो- पूर्व मंत्री बंधु तिर्की
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Published : Oct 15, 2019, 10:48 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 6:38 AM IST

रांचीः पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में पहले से ही जेल में बंद बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट से एक और झटका लगा है. अपर न्यायायुक्त एसके पांडेय की अदालत ने पत्थलगड़ी व काली गाय की बलि देने के बयान में जमानत याचिका खारिज कर दी है. बता दें कि 9 अक्टूबर को न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत से जमानत खारिज होने के बाद ऊपरी अदालत में अपील की गई थी.

देखें पूरी खबर
वहीं, मामला पंडारा/सुखदेवनगर थाना कांड संख्या 600/17 से जुड़ा है. 27 नवंबर 2017 को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया(एचएडब्लूओ) की दिप्ती महाजन के लिखित शिकायत पर पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज किया गया था. काली गाय की बलि देने के बयान में फंसे बंधु तिर्की पर मामला दर्ज कराया गया है. दर्ज प्राथमिकी में 9 नवंबर 2017 को बंधु तिर्की ने प्रेस कांफ्रेंस कर पत्थलगड़ी को आदिवासी परंपरा का हिस्सा बताया था. उन्होंने कहा था कि आदिवासी शव दफनाने की जगह पर और गांव की सीमा पर पत्थलगड़ी करते हैं. सरकार इसे संविधान व राष्ट्र विरोधी बताकर आदिवासियों को बरगला रही है.

ये भी पढ़ें- डेंगू पर शुरू हुई राजनीति, निगम का दावा रांची में अब तक नहीं आया कोई पॉजिटिव मरीज

वहीं, दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा था कि गो-हत्या पर प्रतिबंध के बावजूद 17 फरवरी 2018 को बनहोरा के बेंगाबुरु टोंगरी गांव में काली गाय की बलि देंगे. सरकार में हिम्मत है तो रोक कर देखे.

रांचीः पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में पहले से ही जेल में बंद बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट से एक और झटका लगा है. अपर न्यायायुक्त एसके पांडेय की अदालत ने पत्थलगड़ी व काली गाय की बलि देने के बयान में जमानत याचिका खारिज कर दी है. बता दें कि 9 अक्टूबर को न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत से जमानत खारिज होने के बाद ऊपरी अदालत में अपील की गई थी.

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वहीं, मामला पंडारा/सुखदेवनगर थाना कांड संख्या 600/17 से जुड़ा है. 27 नवंबर 2017 को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया(एचएडब्लूओ) की दिप्ती महाजन के लिखित शिकायत पर पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज किया गया था. काली गाय की बलि देने के बयान में फंसे बंधु तिर्की पर मामला दर्ज कराया गया है. दर्ज प्राथमिकी में 9 नवंबर 2017 को बंधु तिर्की ने प्रेस कांफ्रेंस कर पत्थलगड़ी को आदिवासी परंपरा का हिस्सा बताया था. उन्होंने कहा था कि आदिवासी शव दफनाने की जगह पर और गांव की सीमा पर पत्थलगड़ी करते हैं. सरकार इसे संविधान व राष्ट्र विरोधी बताकर आदिवासियों को बरगला रही है.

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वहीं, दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा था कि गो-हत्या पर प्रतिबंध के बावजूद 17 फरवरी 2018 को बनहोरा के बेंगाबुरु टोंगरी गांव में काली गाय की बलि देंगे. सरकार में हिम्मत है तो रोक कर देखे.

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पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट से लगा झटका, पत्थलगड़ी और गाय की बलि देने के मामले में अदालत ने किया जमानत याचिका खारिज


 रांची

फाइलफुटेज

पूर्व मंत्री बंधु तिर्की मुश्किल कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में पहले से ही जेल में बंद बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट से एक और झटका लगा है। अपर न्यायायुक्त एसके पांडेय की अदालत ने पत्थलगड़ी व काली गाय की बलि देने के बयान में जमानत याचिका खारिज कर दी। नौ अक्टूबर को न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत से जमानत खारिज होने के बाद उपरी अदालत में अपील की गई थी। मामला पंडारा/सुखदेवनगर थाना कांड संख्या 600/17 से जुड़ा है। 27 नवंबर 2017 को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया(एचएडब्लूओ) की दिप्ती महाजन के लिखित शिकायत पर पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 


Body:बंधु तिर्की काली गाय की बलि देने के बयान में फंसा बंधु पर मामला दर्ज कराया गया है दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 9 नवंबर 2017 को बंधु तिर्की ने प्रेस कांफ्रेंस कर पत्थलगड़ी को आदिवासी परंपरा का हिस्सा बताया था। कहा कि आदिवासी शव दफनाने की जगह पर और गांव की सीमा पर पत्थलगड़ी करते हैं। सरकार इसे संविधान व राष्ट्रविरोधी बताकर आदिवासियों को बरगला रही है। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने कहा था कि गो हत्या पर प्रतिबंध के बावजूद 17 फरवरी 2018 को बनहोरा के बेंगाबुरु टोंगरी गांव में काली गाय की बलि देंगे। सरकार में हिम्मत है तो रोक कर देखे। Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 6:38 AM IST
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