रांची: लॉकडाउन के बीच हेमंत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों के साथ-साथ मरीजों और छात्रों को वापस झारखंड लाना. इस मामले में राज्य सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पा रही है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस बाबत मदद मांगी है, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हो रहा है. दूसरी तरफ कई ऐसे राज्य हैं जहां की सरकारों ने राजस्थान के कोटा में फंसे अपने छात्रों को वापस बुलाया है. इस बीच जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय की पहल पर कोटा में फंसे जमशेदपुर के 12 छात्रों के जमशेदपुर लौटने से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं. इस बारे में सरयू राय से बात की हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने.
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हेमंत सरकार भी कर रही है कानून का उल्लंघन
विधायक सरयू राय ने कहा कि वह लंबे समय से लोग डाउन के कारण रांची में फंसे हुए हैं और वह अपने विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर पूर्वी जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें प्रशासन की तरफ से अनुमति नहीं मिल रही है, जबकि इसी सरकार के कई मंत्री एक जिले से दूसरे जिले चले जा रहे हैं. सरयू राय ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर विधायक सांसद और मंत्रियों को उनके क्षेत्र में जाने की अनुमति मांगी है, जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. अब सवाल है कि बिना अनुमति के झारखंड के मंत्री एक जिला से दूसरे जिला में कैसे चले जा रहे हैं.
आर्थिक गतिविधि शुरू नहीं होने पर सरकारी कर्मियों को वेतन देना हो जाएगा मुश्किल
सरयू राय ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन बेहद जरूरी है, लेकिन इसके साथ-साथ आर्थिक गतिविधि को भी पटरी पर लाना होगा. झारखंड की स्थिति ऐसी है कि अगर आर्थिक व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी तो 2 महीने के बाद सरकारी कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज मांगने की अपील की है.