रांचीः राज्य के सरकारी स्कूलों की टूटे-फूटे भवनों की ओर धीरे-धीरे सरकार का ध्यान जा रहा है. शहर के बीचो-बीच स्थित करमटोली चौक के सरकारी स्कूल का बाउंड्री वाल अरसे से नहीं था. इस कोरोना काल के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए विभाग इसमें तत्परता दिखाई है. ईटीवी भारत की टीम ने भी इस स्कूल की दयनीय हालत को लेकर विभाग को अवगत कराया था.
इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कोई ठोस कदम नहीं
सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर पठन-पाठन सवाल हमेशा ही इन सब चीजों पर उठता रहा है. हेमंत सरकार यानी कि नई सरकार से उम्मीद जगी थी, लग रहा था कि इंफ्रास्ट्रक्चर कुछ हद तक डेवलप होगा. ऐसा लग रहा था कि सरकारी स्कूलों के हालात सुधरेंगे, लेकिन इस सरकार में भी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडाउन लगा हुआ है. 5 महीने से स्कूल कॉलेज शिक्षण संस्थाएं बंद पड़ा हैं. सरकारी स्कूलों की हालत पहले से भी और खराब हो रही है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा था.
घेराबंदी का काम शुरू
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने पुरजोर तरीके से खबरें चलाई. स्कूल परिसर के अंदर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, क्वॉरेंटाइन सेंटर, पुलिस कैंप के अलावे विभिन्न मूलभूत सुविधाओं का ध्यान राज्य सरकार शिक्षा विभाग की ओर आकृष्ट भी कराया गया. हालांकि कुछ स्कूलों की ओर सरकार- विभाग की नजर पड़ी है. शहर के अंदर जिन स्कूलों की हालत जर्जर थी. उन स्कूलों की हालत सुधारी जा रही है. करमटोली चौक के पास सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग, बाउंड्री वॉल को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने एक खबर दिखाई थी और मामले को लेकर विभाग को भी अवगत कराया गया था. हालांकि विभाग ने कार्रवाई करते हुए इस स्कूल की घेराबंदी काम शुरू किया है. स्कूल की घेराबंदी युद्ध स्तर पर देखी जा सकती है.
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अब आने वाले वक्त में विद्यार्थियों को स्कूल परिसर में ना ही कोई आपत्तिजनक चीजें मिलेंगी और ना ही इस स्कूल परिसर में अब असामाजिक तत्वों का जमावड़ा ही रहेगा. विभाग की ओर से किये जा रहे यह काम सराहनीय हैं. उम्मीद है कि विभाग राज्य और जिले के तमाम स्कूलों का जीर्णोद्धार करेंगे और कोरोना काल के दौरान बंद पड़े इन स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर भी ध्यान देंगे.