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बिजली विभाग ने रिम्स में बिजली मेंटेनेंस का काम किया ठप, मरीजों की बढ़ सकती है परेशानी

रिम्स परिसर का बिजली मेंटेनेंस का काम गुरुवार से बंद कर दिया गया है. इसको लेकर बिजली विभाग के पदाधिकारी ने रिम्स निदेशक को पत्र लिखकर बताया कि बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर एनुअल मेंटेनेंस की अवधि 28 अगस्त को समाप्त हो चुकी है, जिससे बिजली विभाग के द्वारा एनुअल मेंटेनेंस का काम ठप कर दिया गया है.

बिजली विभाग ने रिम्स का बिजली मेंटेनेंस किया ठप
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Published : Aug 31, 2019, 8:06 AM IST

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बिजली विभाग ने अस्पताल, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, वार्ड, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी और हॉस्टल समेत रिम्स परिसर का बिजली मेंटेनेंस का काम गुरुवार से बंद कर दिया है.

देखें पूरी खबर

रिम्स में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित
इसको लेकर बिजली विभाग के पदाधिकारी ने रिम्स निदेशक को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए कहा है कि रिम्स में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर एनुअल मेंटेनेंस की अवधि 28 अगस्त को समाप्त हो चुकी है. 28 अगस्त के बाद एनुअल मेंटेनेंस के काम को लेकर रिम्स द्वारा ना तो अवधि विस्तार दिया गया है और ना ही नए कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. इस कारण बिजली विभाग के द्वारा एनुअल मेंटेनेंस का काम ठप कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें-रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग ने किया नया मिसाल कायम, 22 मरीजों का किया सफलतापूर्वक प्रोसिजर

बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस बंद
वार्ड और ओपीडी के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू कार्डियोलॉजी या अन्य मरीजों के इलाज से जुड़े किसी भी महत्वपूर्ण स्थलों पर किसी प्रकार की कोई खराबी उत्पन्न होती है तो उसे तुरंत ही दुरुस्त करना मुश्किल होगा. बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस बंद किए जाने से किसी भी समय परेशानी उत्पन्न हो सकती है. अस्पताल में लगभग 1 हजार 500 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से सैकड़ों मरीज अति गंभीर अवस्था में कई विभागों के आईसीयू में बिजली से संचालित विभिन्न प्रकार के जीवन रक्षक उपकरणों के सहारे इलाजरत हैं.

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बिजली विभाग ने अस्पताल, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, वार्ड, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी और हॉस्टल समेत रिम्स परिसर का बिजली मेंटेनेंस का काम गुरुवार से बंद कर दिया है.

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रिम्स में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित
इसको लेकर बिजली विभाग के पदाधिकारी ने रिम्स निदेशक को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए कहा है कि रिम्स में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर एनुअल मेंटेनेंस की अवधि 28 अगस्त को समाप्त हो चुकी है. 28 अगस्त के बाद एनुअल मेंटेनेंस के काम को लेकर रिम्स द्वारा ना तो अवधि विस्तार दिया गया है और ना ही नए कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. इस कारण बिजली विभाग के द्वारा एनुअल मेंटेनेंस का काम ठप कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें-रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग ने किया नया मिसाल कायम, 22 मरीजों का किया सफलतापूर्वक प्रोसिजर

बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस बंद
वार्ड और ओपीडी के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू कार्डियोलॉजी या अन्य मरीजों के इलाज से जुड़े किसी भी महत्वपूर्ण स्थलों पर किसी प्रकार की कोई खराबी उत्पन्न होती है तो उसे तुरंत ही दुरुस्त करना मुश्किल होगा. बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस बंद किए जाने से किसी भी समय परेशानी उत्पन्न हो सकती है. अस्पताल में लगभग 1 हजार 500 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से सैकड़ों मरीज अति गंभीर अवस्था में कई विभागों के आईसीयू में बिजली से संचालित विभिन्न प्रकार के जीवन रक्षक उपकरणों के सहारे इलाजरत हैं.

Intro:राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बिजली विभाग ने अस्पताल, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, वार्ड, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी व हॉस्टल समेत रिम्स परिसर का बिजली मेंटेनेंस का काम गुरुवार से बंद कर दिया है।

इसको लेकर बिजली विभाग के पदाधिकारी ने रिम्स निदेशक को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए कहा है कि रिम्स में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर एनुअल मेंटेनेंस की अवधि 28 अगस्त को समाप्त हो चुकी है।


Body:28 अगस्त के बाद एनुअल मेंटेनेंस के काम को लेकर रिम्स द्वारा ना तो अवधि विस्तार दिया गया है ना ही नए कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है जिस कारण बिजली विभाग के द्वारा एनुअल मेंटेनेंस का काम ठप कर दिया गया है।

वार्ड और ओपीडी के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू कार्डियोलॉजी या अन्य मरीजों के इलाज से जुड़े किसी भी महत्वपूर्ण स्थलों पर किसी प्रकार की कोई खराबी उत्पन्न होती है तो उसे तुरंत ही दुरुस्त करना मुश्किल होगा।

बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस बंद किए जाने से किसी भी समय परेशानी उत्पन्न हो सकती है अस्पताल में लगभग 1500 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से सैकड़ों मरीज अति गंभीर अवस्था में कई विभागों के आईसीयू में बिजली से संचालित विभिन्न प्रकार के जीवन रक्षक उपकरणों के सहारे इलाजरत हैं।


Conclusion:गौरतलब है कि बिजली मेंटेनेंस का काम ठप होने की वजह से जीवन रक्षक उपकरण पर इलाजरत मरीजों को त्वरित बेहतर इलाज देना डॉक्टरों के लिए भी मुश्किल साबित होगा।
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