रांचीः झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती को बचाने और पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं. इसके लिए प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस कड़ी में राज्य सरकार ने रांची में कार्यरत ऊर्जा विभाग के अफसरों के लिए ईईएसएल कंपनी से 36 इलेक्ट्रिक वाहन अनुबंध पर लिया है. यह कंपनी अगले दो माह में रांची के टोल नाकों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन (Electric vehicle charging stations at Ranchi) भी लगाएगी. वहीं आम लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर उपभोक्ता को सब्सिडी के साथ टैक्स में छूट दी जा रही है.
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देश भर में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने 2015 में फेम इंडिया योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देना था. इसके अलावा राज्य सरकारें भी स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रही हैं. इस कड़ी में झारखंड सरकार के ऊर्जा विभाग ने कार्यालय के उपयोग के लिए लगभग 36 इलेक्ट्रिक की गाड़ियां ईईएसएल(EESL) कंपनी के माध्यम से एमओयू के तहत लिया है.
ये गाड़ियां ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की ओर से कार्यालय के कामों में उपयोग में लाई जा रहीं हैं. ऊर्जा विभाग के प्रवक्ता एमपी यादव का कहना है कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए राज्य सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है.
यहां लगेंगे चार्जिंग स्टेशन, राजधानी में कंपनी को जगह मिली
इधर, रांची शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन सुविधाजनक हो, इसके लिए ईईएसएल रांची के आठ टोल नाकों पर जल्द ही चार्जिंग स्टेशन लगाएगी. इसके लिए उसे जगह आवंटित हो गई है. इलेक्ट्रिक वाहनों की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) के अधिकारी राकेश कुमार झा ने बताया कि धीरे-धीरे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि इसके संचालन का खर्च कम है.
राकेश झा ने कहा कि राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहन का संचालन सुविधाजनक हो, इसके लिए कंपनी दो माह में शहर के आठ टोल नाकों पर दो माह में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगा देगी. इसके अलावा हजारीबाग, रामगढ़, जमशेदपुर में सर्वे कर लिया गया है. जल्द ही यहां भी कंपनी चार्जिंग स्टेशन लगाएगी.
इन गाड़ियों को चलाने में यह परेशानी
वहीं इलेक्ट्रिक वाहन का पिछले 3 वर्षों से उपयोग कर रहे चालक उदय शंकर सिंह बताते हैं कि आज की तारीख में इलेक्ट्रिक वाहन से बेहतर कोई वाहन नहीं है, क्योंकि इसके लिए उपभोक्ता को कम खर्च करना पड़ाता है. हालांकि कुछ चालकों का कहना है कि वर्तमान में चार्जिंग स्टेशन नहीं रहने से ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल काफी मुश्किल है. ये गाड़ियां आम गाड़ियों से महंगी हैं. उनका कहना था कि मध्यमवर्ग के लोग कोई वाहन खरीदते हैं तो उससे लंबी दूरी का सफर करना चाहते हैं. लेकिन महंगी होने के बाद भी चार्जिंग स्टेशन वगैरह न होने से ऐसी गाड़ियों को लंबी दूरी तक नहीं ले जाया जा सकता है. इससे दिक्कत है.
इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्स में रियायत
रांची के जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण कुमार प्रकाश ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती है. उन्हें टैक्स में रियायत मिलती है.
सीएम ने वाहन कंपनियों को दिया न्योता
झारखंड में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले महीने कई निजी वाहन कंपनियों के अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2021 (jharkhand electric vehicle policy 2021) के मसौदे पर बातचीत की थी. मुख्यमंत्री ने सभी वाहन कंपनी के मालिकों को झारखंड में निवेश करने का आमंत्रण भी दिया.