रांचीः Vasant Panchami2022 शनिवार को देश भर में मनाया जाएगा. मगर रांची में इस साल पहले जैसा उत्साह नहीं है, न मूर्तियों की बुकिंग में तेजी आई है और न पूजन सामग्री की बिक्री या कोई और ही तैयारी नजर आ रही है. इससे यहां अच्छे कारोबार की उम्मीद में मूर्तियां बनाने में जुटे कलाकारों को मूर्ति खरीदारों का इंतजार है. 5 फरवरी को वसंत पंचमी 2022 के लिए मूर्तियां तैयार किए कलाकारों और दूसरे जगहों से मूर्तियां मंगाकर बिक्री से अच्छी आमदनी कमाने के सपने सजोए व्यवसायी सभी को उनकी पूंजी फंसने का डर सता रहा है.
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बता दें कि राज्य में मूर्ति कलाकारों की स्थिति पहले भी कुछ खास अच्छी नहीं थी लेकिन वर्ष 2020 के मार्च में कोरोना के झारखंड में दस्तक देने के साथ ही मूर्ति कलाकारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से लोगों को बचाने के लिए लॉक डाउन लगा दिया. वर्ष 2020 और 2021 में लगा लॉकडाउन पूरी तरह से हट नहीं पाया है. इससे मूर्ति कलाकारों की आमदनी बुरी तरह प्रभावित की है.
स्कूल खुलने में देरी से बिगड़े हालातः मूर्ति कलाकार संजय कुमार, वीणा देवी और न जाने कितने ऐसे मूर्तिकार राज्य में हैं जिन्होंने प्रतिमा बनाने के लिए अच्छी खासी पूंजी लगाई है. इन्होंने या तो सरस्वती मां की प्रतिमा बनाई है या पुरुलिया से रेडीमेड प्रतिमा मंगा ली है लेकिन अब खरीददार नहीं मिल रहे हैं. पुरानी रांची की वीणा देवी कहती हैं कि उन्होंने 500 रुपये प्रति मूर्ति के हिसाब से 100 मूर्तियां पुरुलिया से मंगाई थीं पर अब पूंजी निकलना मुश्किल है. युवा मूर्तिकार संजय कहते हैं कि राज्य में मूर्तिकारों की स्थिति पहले से खराब थी और कोरोना ने उसे और बर्बाद कर दिया है, संजय कहते हैं कि अगर कुछ दिन पहले स्कूल कॉलेज खोलने का सरकार फैसला लेती तो संभव है कि हालात कुछ बेहतर होते.