रांचीः चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ सकती है. सीबीआई की गिरफ्त के बाद चारा घोटाला के मामले में लालू यादव की अचल संपत्ति की जांच ईडी करेगी. डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू को दोषी ठहराते हुए 5 वर्ष की सजा सुनाई है इसके साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. चारा घोटाला मामले के अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत एसके शशि की अदालत ने 491 पेज के जजमेंट कॉपी में लालू यादव सहित तमाम दोषियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने की अनुशंसा की है.
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चारा घोटाला देश का सबसे बड़ा घोटाला था. यह कुल 950 करोड़ रुपये का घोटाला बताया गया था. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में दर्ज 6 कांडों में दोषी करार दिए जा चुके हैं. कुछ दिन पहले ही डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ों रुपये की अवैध निकासी मामले में भी लालू को 5 वर्ष की सजा पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सीबीआई के बाद अब लालू यादव ईडी के रडार पर भी आ गए हैं. ईडी ने सीबीआई के चारा घोटाले से संबंधित दो मामलों को पहले ही टेकओवर करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. वहीं डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने ईडी को जांच करने को कहा है.
ईडी ने चारा घोटाला के दो मामलों को पहले ही टेक ओवर किया है. उसमें देवघर कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी और दुमका कोषागार से 34.91 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला शामिल है. इन मामलों में सीबीआइ की विशेष अदालत ने 19 मार्च 2018 और 9 अप्रैल 2018 को इस केस के सभी अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनाई थी, जिसमें सीबीआई की रांची स्थित विशेष अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इन अभियुक्तों ने जनवरी 1990 के बाद जो भी चल-अचल संपत्ति बनाई है उसे जब्त करें.