रांचीः झारखंड में एक हजार करोड़ से अधिक के खनन घोटाले के आरोपियों को ईडी राज्य बदर कराने की तैयारी में (Jharkhand Money Laundering Accused) है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी आरोपियों के एक्टिव रहने की वजह से राज्य बदर की कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है.
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क्या है पूरा मामलाः झारखंड में ईडी द्वारा शुरू की गई मनरेगा घोटाले की जांच के तार अवैध खनन के रास्ते अब टेंडर घोटाले की ओर मुड़ने लगे हैं. पूरे मामले की जांच को लेकर ईडी रेस है तो दूसरी तरफ ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपियों की न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद सक्रियता को लेकर एजेंसी अब बड़ी कार्रवाई के मूड में है.
सूत्र बताते है कि एजेंसी गिरफ्तार आरोपियों की सक्रियता पर लगाम लगाने के लिए न्यायिक हिरासत में बंद कुछ आरोपियों को राज्य के बाहर शिफ्ट कराने की प्रक्रिया शुरू कर रही है. इसके लिए एजेंसी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. आने वाले दिनों में ईडी इसके लिए कोर्ट की शरण ले सकती है.
पंकज मिश्रा मामले में एजेंसी गंभीरः न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद पंकज मिश्रा के मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर ईडी काफी गंभीर है. ईडी ने इस मामले में अब तक की जांच में कई अधिकारियों, इंजीनियर, डीएमओ, डीएफओ रैंक के अफसरों की बातचीत होने के पुख्ता सबूत पाए हैं. न्यायिक हिरासत में होने के बाद गवाहों को भी प्रभावित करने का मामला ईडी के समक्ष आया है, जिसे लेकर एजेंसी काफी गंभीर है.
जेल में बंद आरोपियों को सुविधाएं मिलने की सूचनाः रांची जेल में बंद आरोपियों को वीवीआईपी सुविधाएं मिलने की बात भी ईडी के सामने आईं हैं. जेल के वार्ड 11 ए में कैदियों के लिए सुविधाएं मिलने की बात राजनेताओं ने भी उठाई थी. ईडी ने जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को भी बयान के लिए नोटिस भेजा था. लेकिन नोटिस को गृह विभाग से नहीं आने के कारण हामिद अख्तर ने लौटा दिया था. अब ईडी जेल अधीक्षक को गृह विभाग के जरिये नोटिस देगी.
लगातार कर रहा था मोबाइल का प्रयोगः जांच में यह बात सामने आई है कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी पंकज मिश्रा द्वारा लगातार मोबाइल का प्रयोग किया जा रहा था, यहां तक कि वह टेंडर को मैनेज करने के लिए भी फोन कर रहे थे. ईडी को जानकारी मिली है कि बीते दिनों पंकज मिश्रा ने जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों को भी फोन किया था. फोन के जरिये वह देवघर के अजय बराज के काम को जमशेदपुर की एक कंपनी को दिलाना चाहते थे. करीब 125 करोड़ के टेंडर को प्रभावित करने के लिए वह पैरवी कर रहे थे. वहीं इस मामले में राज्य की सत्ता में प्रभावी रहे एक शख्स की भूमिका की जानकारी भी ईडी को मिली है.
सीसीटीवी की हो रही जांचः पंकज मिश्रा द्वारा लगातार फोन पर बातचीत के साक्ष्य जुटाने के बाद उनसे मुलाकात करने वालों पर भी ईडी की नजर है. ईडी यह पता लगाने में जुटी है कि जुलाई माह से अबतक कौन कौन से लोग पंकज मिश्रा से मिले हैं. मामले की तहकीकात के लिए ईडी ने रिम्स के पेइंग वार्ड के सीसीटीवी फुटेज को भी हासिल कर लिया है.
इस मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा के चालक रहे चंदन यादव व सूरज पंडित से शुक्रवार को पूछताछ की थी. सूरज व चंदन ने पूछताछ में ईडी को कई सारी जानकारी दी हैं, वहीं छह मोबाइल सिम की सीडीआर भी ईडी ने निकाला है. साथ ही कुछ मोबाइल फोन के जरिए व्हाट्सएप पर बातचीत के प्रिंट भी निकाले गए हैं.