रांची: प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में मेसर्स तिरूपति बालाजी इंटरप्राइजेज, मेसर्स एपिकल एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड और रामगढ़ स्पंज कंपनी की 4.10 करोड़ की चल- अचल संपत्ति जब्त की है.
ईडी ने इस मामले में मंगलवार को प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर निकाला है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बालाजी व एपिकल दोनों के निदेशक राकेश कुमार सिंघानिया ने मनी लांड्रिंग से अर्जित पैसों से आसनसोल और बंगाल के रघुनाथपुर में अचल संपत्ति की खरीद की थी. इन दोनों अचल संपत्तियों की कीमत 3.77 करोड़ है. वहीं रामगढ़ स्पंज और उसके निदेशक महावीर रूंगटा के बैंक खातों में जमा 73.45 लाख रुपये भी अटैच कर दिए गए हैं.
क्या है मामला
सीबीआई ने साल 2010 में आयरन ओर की तस्करी के मामले में एफआईआर दर्ज की थी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि तीनों कंपनियों ने आयरन ओर की तस्करी के लिए फर्जी चालान पर ट्रांसपोर्टेशन कराया था. मामले में सीबीआई ने 31 जुलाई 2012, 29 सितंबर 2012, 11 फरवरी 2013 को चार्जशीट दायर की थी. सीबीआई की चार्जशीट में यह जिक्र था कि फर्जी चालान का इस्तेमाल कर आरोपियों ने 4.33 करोड़ की अवैध कमायी की. सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने सभी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
इसे भी पढे़ं: रांची के डीसी और एसएसपी को शो-कॉज, सीएम के काफिले पर हमले की जांच करेगी कमिटी
ईडी की जांच में क्या तथ्य आया सामने
ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले की जांच के दौरान बैंक ट्रांजेक्शन की जांच की. वहीं राकेश कुमार सिंघानिया के परिजनों और अन्य फर्जी नामों पर कई लोगों को निदेशक बनाया था. मनी लांड्रिंग के जरिए फर्जी कंपनियों में अपने डमी और परिवार के सदस्यों के नाम पर पैसों का ट्रांजेक्शन किया था. इसके बाद इसी पैसे से आसनसोल, रघुनाथपुर में जमीन की खरीद की गई थी. वहीं रामगढ़ स्पंज के महावीर रूंगटा ने बैंक ऑफ इंडिया की क्लब रोड शाखा में मनी लांड्रिंग से अर्जित 73.45 लाख रुपये जमा कराए थे. ईडी ने स्क्रूटनी में पैसे जमा होने संबंधी अन्य तथ्य पाने का भी दावा किया है.