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Chief Engineer Virendra Ram Case: ईडी ने कार्मिक विभाग और एसीबी से मांगा वीरेंद्र राम के चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा

ईडी ने कार्मिक विभाग और एसीबी से चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मांग किया है. इसको लेकर दोनों विभागों को पत्र भेजा है.

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ईडी ने कार्मिक विभाग और एसीबी से मांगा वीरेंद्र राम के चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा
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Published : Feb 24, 2023, 10:42 PM IST

रांचीः ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. ईडी ने वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी और कार्मिक विभाग से चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मांग की है. इसको लेकर ईडी ने दोनों कार्यालयों को पत्र भेजा है.

यह भी पढ़ेंः Chief Engineer Virendra Ram Case: वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी से खुली सरकारी व्यवस्था की पोल, प्रशासन में मचा हड़कंप

सरकारी सेवा में तैनात अफसरों को अचल और चल संपत्ति की जानकारी देनी जरूरी होती है. ऐसे में ईडी ने राज्य सरकार के कार्मिक और राजभाषा विभाग को एक पत्र लिखा है. कार्मिक विभाग को पत्र भेजकर ईडी ने जानकारी मांगी है कि वीरेंद्र राम ने अपनी संपत्ति का क्या विवरण सरकार को दिया था. ईडी यह पड़ताल करने में लगी है कि चीफ इंजीनियर ने अपने या अपने आश्रितों के दिल्ली, पटना, सिवान, जमशेदपुर समेत अन्य जगहों के आवास की जानकारी सरकार को दी थी या नहीं. गौरतलब है कि ईडी ने वीरेंद्र राम और उनके पिता के नाम पर दिल्ली के छतरपुर, डिफेंस कॉलोनी और साकेत स्थित घरों की जानकारी जुटायी है. इन सभी जगहों पर ईडी ने छापेमारी की थी.

वहीं, दूसरी तरफ ईडी ने एंटी करप्शन ब्यूरो से पूछा है कि वीरेंद्र राम के खिलाफ कब से कब तक जांच की. एसीबी से ईडी ने वीरेंद्र राम से जुड़े मामले की जांच रिपोर्ट सहित सारे दस्तावेजों की मांग की है. इसके लिए बाकायदा ईडी की ओर से पत्र जारी किया गया है. चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो पूर्व से ही भ्रष्टाचार के मामले को लेकर जांच कर रहा था.

ईडी ने राज्य सरकार से यह जानकारी मांगी है कि वीरेंद्र राम के खिलाफ एसीबी ने पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, तब राज्य सरकार ने इस पत्र पर क्या कार्रवाई की. साथ ही अगर पीई दर्ज नहीं करने से जुड़ी कोई अनुमति एसीबी को भेजी गई है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराये.

वीरेंद्र राम के कार्यकाल की जांच भी ईडी द्वारा शुरू कर दी गई है. ईडी अब यह पड़ताल कर रही है कि ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनाती के दौरान कौन कौन से सरकारी योजनाएं निकलीं. इन योजनाओं का आकार कितने का था. इसके साथ ही किन लोगों को टेंडर आवंटित किया गया. चीफ इंजीनियर के पद पर रहते हुए कितने करोड़ की योजनाओं का टेंडर किया. इसका भी विवरण विभाग से मांगा है..

रांचीः ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. ईडी ने वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी और कार्मिक विभाग से चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मांग की है. इसको लेकर ईडी ने दोनों कार्यालयों को पत्र भेजा है.

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सरकारी सेवा में तैनात अफसरों को अचल और चल संपत्ति की जानकारी देनी जरूरी होती है. ऐसे में ईडी ने राज्य सरकार के कार्मिक और राजभाषा विभाग को एक पत्र लिखा है. कार्मिक विभाग को पत्र भेजकर ईडी ने जानकारी मांगी है कि वीरेंद्र राम ने अपनी संपत्ति का क्या विवरण सरकार को दिया था. ईडी यह पड़ताल करने में लगी है कि चीफ इंजीनियर ने अपने या अपने आश्रितों के दिल्ली, पटना, सिवान, जमशेदपुर समेत अन्य जगहों के आवास की जानकारी सरकार को दी थी या नहीं. गौरतलब है कि ईडी ने वीरेंद्र राम और उनके पिता के नाम पर दिल्ली के छतरपुर, डिफेंस कॉलोनी और साकेत स्थित घरों की जानकारी जुटायी है. इन सभी जगहों पर ईडी ने छापेमारी की थी.

वहीं, दूसरी तरफ ईडी ने एंटी करप्शन ब्यूरो से पूछा है कि वीरेंद्र राम के खिलाफ कब से कब तक जांच की. एसीबी से ईडी ने वीरेंद्र राम से जुड़े मामले की जांच रिपोर्ट सहित सारे दस्तावेजों की मांग की है. इसके लिए बाकायदा ईडी की ओर से पत्र जारी किया गया है. चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो पूर्व से ही भ्रष्टाचार के मामले को लेकर जांच कर रहा था.

ईडी ने राज्य सरकार से यह जानकारी मांगी है कि वीरेंद्र राम के खिलाफ एसीबी ने पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, तब राज्य सरकार ने इस पत्र पर क्या कार्रवाई की. साथ ही अगर पीई दर्ज नहीं करने से जुड़ी कोई अनुमति एसीबी को भेजी गई है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराये.

वीरेंद्र राम के कार्यकाल की जांच भी ईडी द्वारा शुरू कर दी गई है. ईडी अब यह पड़ताल कर रही है कि ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनाती के दौरान कौन कौन से सरकारी योजनाएं निकलीं. इन योजनाओं का आकार कितने का था. इसके साथ ही किन लोगों को टेंडर आवंटित किया गया. चीफ इंजीनियर के पद पर रहते हुए कितने करोड़ की योजनाओं का टेंडर किया. इसका भी विवरण विभाग से मांगा है..

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